भी महसूस करते हों, लेकिन असहयोगके लिए उनके मनमें कोई खास उत्साह नहीं है?
हाँ, यह बात तो मैं महसूस करता हूँ, लेकिन असहयोग करनेके लिए तैयार लोगोंकी अपेक्षा उनकी संख्या कम है।
और फिर भी आप यह तो देख ही रहे हैं कि आपने लोगोंसे अपने खिताब और पद छोड़ने और कौंसिलोंके चुनावका बहिष्कार करनेकी जो अपील की उसकी सन्तोषजनक प्रतिक्रिया नहीं हुई है। इन बातोंसे क्या यह लक्षित नहीं होता कि आप उनके विश्वासकी गहराईको बहुत बढ़ाकर आँक रहे हैं?
मेरा खयाल है, नहीं; क्योंकि अभी तो असहयोगकी प्रारम्भिक अवस्था ही है और हमारे देशवासी बराबर बहुत सावधानी बरतते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं। इसके अतिरिक्त इसके प्रथम चरणका सम्बन्ध अधिकांशतः समाजके उच्चतम वर्गोंसे है, जिनकी संख्या बहुत ही कम है, हालांकि इसमें कोई सन्देह नहीं कि वे बड़े प्रभावशाली लोग हैं।
क्या आप मानते हैं कि इन उच्चवर्गीय लोगोंने आपके अनुरोधका पर्याप्त अनुकूल उत्तर दिया है?
फिलहाल तो मैं यह नहीं कह सकता कि उन्होंने दिया है और न यही कह सकता हूँ कि नहीं दिया है। निश्चित उत्तर मैं इस माहके अन्तमें ही दे सकूँगा।
क्या आप ऐसा मानते हैं कि सम्राट् और राज-परिवारके प्रति अपनी वफादारीमें शंकाकी कोई गुँजाइश न छोड़ते हुए भी कोई युवराजकी यात्राके सम्बन्धमें असहयोग करनेकी सलाह दे सकता है?
अवश्य दे सकता है, और उसका सीधा-सादा कारण यह है कि अगर युवराजकी प्रस्तावित यात्राके बहिष्कारमें कोई गैर-वफादारी है भी तो वह तत्कालीन सरकारके प्रति गैर-वफादारी है, न कि महाविभव युवराजके प्रति।
युवराजकी यात्राके बहिष्कारका प्रचार करके आपकी रायमें क्या लाभ होगा?
इस यात्राका बहिष्कार करके मैं दुनियाको यह दिखाना चाहता हूँ कि भारतके लोगोंको वर्तमान सरकारसे कोई हमदर्दी नहीं है और पंजाब तथा खिलाफतके सवालोंपर और कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक कदमोंके सम्बन्धमें भी सरकारकी नीति उन्हें बहुत ज्यादा नागवार गुजरती है। मैं समझता हूँ कि युवराजकी यात्रा लोगोंके लिए वर्तमान सरकारके प्रति अपनी नापसन्दगी जाहिर करनेका एक अनोखा सुअवसर है। आखिरकार इस यात्राके पीछे बहुत जबरदस्त राजनीतिक परिणामोंकी कल्पना तो की ही गई है। यह यात्रा ऐसी नहीं है जिसका कोई राजनीतिक महत्त्व नहीं होगा। भारत सरकार और साम्राज्य सरकार इस यात्राको प्रथम कोटिके राजनीतिक महत्त्वकी घटना बनाना चाहती हैं; अर्थात् वे इस यात्राका उपयोग भारतपर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए करना चाहती हैं। इसलिए अपने तई तो मैं यही मानता हूँ कि दो सरकारों द्वारा अपने हितके लिए आयोजित इस यात्राका बहिष्कार करना लोगोंका