सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 18.pdf/४०१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

१९८. भाषण : लखनऊमें[]

१५ अक्तूबर, १९२०

हमें तो बड़ी राष्ट्रीय सेना बनानी है। जबरदस्त अनुशासन के बिना वैसी सेना नहीं बना सकेंगे।

xxx

ब्रिटिश हुकूमत इस समय शैतानकी प्रतिमूर्ति है। और जो खुदाके बन्दे हैं, वे शैतानियत के साथ मुहब्बत नहीं रख सकते।

xxx

तुमने तलवार न उठानेकी प्रतिज्ञा ली है, तो इस तरह छिटपुट हत्याओंका होना अनुशासनका गम्भीर उल्लंघन सूचित करता है। में नहीं मानता कि इस्लाम धर्ममें भी ऐसे अनुशासन भंगकी इजाजत है। जबतक मुसलमान हिंसारहित असहयोगसे बँधे हुए हैं, तबतक उन्हें यह विचारतक नहीं आना चाहिए कि तलवार उठाने से अच्छा काम होगा। इस हुकूमतने बुराई की है, परन्तु बेगुनाह आदमियोंको मारकर तो हम सरकारकी दमन और आतंककी नीतिको ही प्रोत्साहन देंगे श। इस्लाम में तलवारके उपयोगकी इजाजत जरूर है परन्तु मेरा विश्वास है कि इस प्रकार सिर उड़ाने की बात तो इस्लाम में भी नहीं होगी और मैं मानता हूँ कि उलेमा भी मेरे खयालकी ताईद करेंगे। आप (यानी मुसलमान) जिस दिन हिंसारहित असहयोगका सिद्धान्त छोड़कर तलवार उठानेका निश्चय करें, उस दिन अवश्य ही प्रत्येक यूरोपीय स्त्री, पुरुष और बच्चेको चेतावनी दे सकते हैं कि उनकी जिन्दगी जोखिममें है। परन्तु मैं ऐसी आशा रखूँगा कि आपको ऐसा निश्चय करनेकी नौबत नहीं आयेगी।

xxx

जफरुल्मुल्क तो अत्यन्त प्रामाणिक और निडर आदमी हैं, इसलिए उन्हें तो जेल जाकर ही शान्ति मिलनेवाली है। वे किस लिए जेलमें हैं? कहा था कि यह हुकूमत मिट्टी में मिलेगी इसलिए सरकारकी दोजखका रास्ता अपनाना है।

xxx

इस हुकूमतने इतने घोर अत्याचार किये हैं कि यह खुदा और हिन्दुस्तानके आगे तोबा न करे, तो जरूर मिट्टी में मिल जायेगी। में तो यहाँतक कहूँगा कि जबतक वह तोबा न करे, तबतक उसे मिटाना हर भारतीयका कर्त्तव्य है। सरकारकी रंगरूटीमें जाना नर्क में जानके समान है—यह कहना यदि अपराध हो तो अवश्य ही यह अपराध करके पवित्र बनना प्रत्येक व्यक्तिका फर्ज है।

xxx
  1. महादेव देसाई यात्रा-विवरणसे संकलित।