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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 18.pdf/४५

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युवराज

इस सौम्य आन्दोलनके जरिये और कुछ नहीं, सिर्फ न्याय प्राप्त करनेका प्रयत्न कर रहे हैं, उसमें वह भी हाथ बँटाये।

और पूरे आदरके साथ यह बात मैं अब भी कहूँगा कि लॉर्ड चेम्सफोर्ड जो कमसे-कम कर सकते हैं, वह यह कि अगर मन्त्रिगण भारतके लोगोंकी पवित्र भावनाका कोई लिहाज-खयाल नहीं करते तो वे वाइसरायके पद से इस्तीफा दे दें। 'टाइम्स' का कहना है कि वाइसरायकी नियुक्ति संविधानकी व्यवस्थाओंके अनुसार की जाती है, इसलिए लॉर्ड चेम्सफोर्डको महामहिमके मन्त्रियोंकी इच्छाके विरुद्ध कुछ करनेकी छूट नहीं है। मेरे खयालसे ऐसा कहना संविधानके आशयके साथ बहुत खींचतान करना है। इसमें सन्देह नहीं कि किसी वाइसरायको अपने पदपर बने रहकर मन्त्रियोंके निर्णयका विरोध करनेकी छूट नहीं है। लेकिन उसे उस हालतमें पदत्याग कर देनेकी छूट तो है ही जब उसे ऐसे निर्णयोंको कार्यान्वित करने को कहा जाये जो शान्तिसन्धिकी शर्तोंकी तरह अनैतिक हों या इन शर्तोंकी तरह ही जिनका उद्देश्य सिर्फ उन लोगोंका मर्म दुखाना हो जिनके मामलोंके सूत्र-संचालनका भार कुछ समयके लिए उसे सौंपा गया हो।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, ७-७-१९२०

१२. युवराज

श्री बैप्टिस्टानेबैप्टिस्टाने[]युवराजकी आगामी भारत-यात्राके सम्बन्धमें 'बॉम्बे क्रॉनिकल' को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अमुक विचारोंकी आलोचना की है जिन्हें वे मेरे विचार मानते हैं। वैसे तो मैं इस नाजुक सवालपर फिलहाल चुप रहना ही पसन्द करता, लेकिन मैं नहीं चाहूँगा कि कोई मेरे बारेमें ऐसी बात कहे कि मैं "मन्त्रियोंके अपराधोंका दण्ड युवराजको दूँगा"। मैं श्री बैप्टिस्टाके इस विचारसे पूरी तरह सहमत हूँ कि राजकाजमें युवराजकी कुछ नहीं चलती और सम्राट्के मन्त्रियोंकी कार्रवाइयोंसे उनका कोई सम्बन्ध नहीं है—उनकी भयंकर गलतियोंसे तो और भी नहीं। वैसे तो युवराजका शानदार स्वागत करनेको मैं भी उतना ही इच्छुक हूँ जितना कि और कोई, किन्तु चूँकि मैं संविधान और उसकी कार्य-प्रणालीको समझता हूँ इसीलिए वर्तमान परिस्थितियों में युवराजकी यात्राका में बहिष्कार करूँगा। चूँकि मैं जानता हूँ कि राजपरिवार राजनीतिसे परे है, इसीलिए अगर मेरी चली तो मैं मन्त्रियोंको या भारत सरकारको अपने राजनीतिक उद्देश्य साधनेके लिए युवराजके प्रभावका उपयोग नहीं करने दूँगा। अगर मैं और कुछ नहीं कर सकता तो इतना तो कर ही सकता हूँ कि मन्त्रियों और भारत सरकारके हाथोंमें उनका उल्लू सीधा करनेका साधन न बन जाऊँ और न उन्हें यह मौका दूँ कि वे युवराजकी यात्राके बहाने भारतपर अपनी पकड़ और

  1. जोजेफ बैप्टिस्टा, बम्बईके कांग्रेसी नेता।