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२५३. पत्र : मणिबेन पटेलको

नेपाणी
[८ नवम्बर १९२०][१]

चि॰ मणि,[२]

तुम्हारे काम और देशके प्रति तुम्हारे प्रेम-भावको देखकर मैं तो चकित रह गया हूँ। दिवाली के दिनोंमें खूब चन्दा जमा करना।

मुझे विश्वास है कि तुम अपने बापूकी सेवा तो करती ही होगी। मैं तुम्हारे जवाबकी इस समय तो कोई उम्मीद नहीं करता।

मोहनदासके आशीर्वाद

[पुनश्च :]

अहमदाबादकी बहनोंका नाम लेकर मैंने पूनाकी बहनोंसे भिक्षा माँगी। उन्होंने तो मुझपर सोनेकी चूड़ियों, अँगूठियों, नथनियों और गलेकी जंजीरोंकी खूब बौछार की; और वे अहमदाबादकी बहनोंसे आगे निकल गईं।

मोहनदास

श्री मणिबेन
वल्लभभाई बैरिस्टरकी मार्फत,
भद्र, अहमदाबाद


[गुजरातीसे]
बापुना पत्रो : मणिबेन पटेलने

 
  1. गांधीजी इस तारीखको नेपाणीमें थे, देखिए अगला शीर्षक। पत्रके अन्तिम अनुच्छेदमें स्पष्टतः पूनामें महिलाओं की उस सभाका जिक्र किया गया है जिसमें गांधीजीने ६ नवम्बरको भाषण दिया था।
  2. सरदार वल्लभभाई पटेलकी सुपुत्री।