गुजरातने अबतक राजनीतिक मामलोंमें कभी इतना प्रमुख भाग नहीं लिया। अब गुजरातने आगेसे राजनीतिमें पड़नेका निश्चय किया है। उसका यह निश्चय बना रहे और उससे गुजरात व गुजराती लोग समस्त भारतमें चमक उठें। आपमें सचाई अथवा वीरता न आई हो किन्तु यदि वह आपके बच्चोंमें आयी हो तो उसे आप अवश्य पोषित कीजिये। ईश्वर आपको इतनी शक्ति दे, यह प्रार्थना करके मैं विराम लेता हूँ।
नवजीवन, १८-११-१९२०
२६३. भाषण : अहमदाबादमें मैक्स्विनीके सम्बन्धमें
१६ नवम्बर, १९२०
कल सायंकाल साबरमतीके तटपर कॉर्कके लॉर्ड मेयर, ऐल्डरमैन[१]मैक्स्विनीकी[२]मृत्युपर शोक प्रकट करनेके लिए एक सभा हुई। इसकी अध्यक्षता श्री गांधीने की।
श्री गांधीने श्री मैक्स्विनीकी बहुत सराहना की और उनके उत्कृष्ट गुणोंका वर्णन किया। उन्होंने कहा, वे एक नवयुवक थे और मेयर निर्वाचित होकर उन्होंने अपनी मृत्यु बुलाई। उन्होंने हिंसामें विश्वास न रखते हुए मृत्युका वरण किया। किन्तु उन्होंने अपनी रिहाईके लिए अनशनका आश्रय लेकर गलती की। मुझे श्रीमती सरोजिनी नायडूकी मार्फत एक वीर आयरिश लड़कीकी लिखी हुई कविता प्रकाशनके लिए मिली थी। इसमें श्री मैक्स्विनीकी प्रशंसा की गई है; किन्तु वह मैंने अभीतक प्रकाशित नहीं की है, क्योंकि उनके अनशनसे लोगोंके सम्मुख एक बुरा उदाहरण उपस्थित होगा।
बॉम्बे क्रॉनिकल, १८-११-१९२०