पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 18.pdf/५३९

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परिशिष्ट

 

परिशिष्ट १

हिदायतोंके मसविदेपर विट्ठलभाई पटेलकी टिप्पणी

मैं सामान्यतः रिपोर्टमें दिये गये हिदायतोंके मसविदेके अधिकांश भागसे सहमत हूँ लेकिन मैं अनुभव करता हूँ कि यदि मैंने उन्हें ज्योंका-त्यों और चुपचाप स्वीकार कर लिया तो मैं उप-समितिके सदस्यकी हैसियतसे अपने कर्त्तव्यसे च्युत हो जाऊँगा। इसलिए मैं रिपोर्टके कुछ मुद्दोंपर अपने विचार प्रकट करते हुए अलगसे यह टिप्पणी लिख रहा हूँ।

१. मुझे खेद है कि मैं रिपोर्टमें दिये गये इस कथनको किसी प्रकार भी स्वीकार नहीं कर सकता कि कांग्रेसने श्री गांधी के असहयोगके सम्पूर्ण कार्यक्रमको स्वीकार कर लिया है और उसके प्रथम चरणपर तुरन्त अमल करनेका निर्णय कर चुकने के बाद अब उसे केवल शेष तीन चरणोंकी प्रगतिके बारेमें निश्चय करना है। संक्षेपमें मेरे तर्क इस प्रकार हैं——(१) वास्तवमें कांग्रेसने श्री गांधी के कार्यक्रमके शेष तीन चरणोंके गुण-दोषोंपर विचार ही नहीं किया है। इस प्रश्नको न तो प्रत्यक्ष रूपसे उठाया गया, न उसपर बहस की गई और न उसके बारेमें कोई निश्चय ही किया गया। (२) मेरे विचारमें कांग्रेस द्वारा श्री गांधीके कार्यक्रमके सभी चरणोंको स्वीकार करनेसे कांग्रेस संविधानकी प्रथम धाराका उल्लंघन होता है। यह धारा कांग्रेसको स्वराज्य प्राप्त करनेके लिए केवल 'संवैधानिक उपाय' अपनानेको कहती है। वह पृष्ठ जिसपर सरकारी कर्मचारियों खासकर सैनिक विभागके कर्मचारियोंको त्यागपत्र देनेके लिए कहा गया है, कदापि संवैधानिक नहीं कहा जा सकता। मैं पहली धारामें 'संवैधानिक' के स्थानपर 'शान्तिपूर्ण' शब्द रखनेके किसी भी प्रस्तावका पूर्ण रूपसे समर्थन करनेके लिए तैयार हूँ। किन्तु जबतक 'संविधान' में आवश्यक परिवर्तन नहीं किया जाता तबतक कांग्रेस श्री गांधीके कार्यक्रमके सभी चरणोंको स्वीकार नहीं कर सकती।

इसलिए मैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीसे निवेदन करता हूँ कि वह रिपोर्टसे उस अनुच्छेदको हटा जिसमें उक्त सुझाव दिया गया है।

२. सरकारी समारोहों आदिका बहिष्कार।

रिपोर्टमें इस मुद्देके सम्बन्धमें हिदायतें नहीं दी गई हैं; शायद ऐसा असावधानीके कारण हो गया है। इस मुद्देके अन्तर्गत जो हिदायतें तैयार होनी चाहिए, उनकी एक रूपरेखा मैं यहाँ देता हूँ :

(१) दरबारियोंसे अपने नाम सूची से हटानेके बारेमें कहनेके लिए शिष्टमण्डल और सार्वजनिक सभाओंका संगठन। (२) अतिरिक्त करकी वसूलीके लिए किये जाने-