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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 18.pdf/७७

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रहस्यपूर्ण

लिए बाध्य उन व्यक्तियोंको, निःशुल्क यात्राकी सुविधा दी गई थी जो उस करकी अदायगीसे अथवा पुनः गिरमिटिया मजदूर बननेसे बच निकलना चाहते हों, प्रस्तुत खण्डका मंशा केवल उन्हीं लोगोंको प्रभावित करना था। तथापि वह सामान्यतया लागू कर दिया गया था और यह हल न जाने कितनी गर्म बहसोंके बाद मिला था परन्तु विधान सभाके वाद-विवादसे उसका क्षेत्र बिलकुल स्पष्ट हो गया। उस समयतक ऐसी धारणा थी कि जबतक कोई व्यक्ति तीन पौंडी कर अदा करता है तबतक वह वास्तव में अधिवासी नहीं बनता और उसपर से उक्त करके उठा लिये जानेके बाद यदि वह निःशुल्क यात्रा सम्बन्धी खण्डका लाभ उठाना चाहता है तो उसको अधिवासके उस स्वत्वसे हाथ धोना पड़ेगा जो उन दिनों लगभग बीस वर्षोंसे चले आ रहे तीन पौंडी करको हटाये जानेके प्रश्नका न्यायपूर्ण हल माना जाता था। इस अन्तरिम रिपोर्टके अनुसार उस खण्डकी परिसीमा थोड़ी-बहुत बदल जाती है। परन्तु व्यक्तिगत रूप से मैं सशंकित नहीं हूँ, क्योंकि इस खण्डके अनुसार निःशुल्क यात्राके लिए लिखित प्रार्थनापत्र आवश्यक है और नेटालमें बसे हुए किसी भी भारतीय से ऐसी लिखित प्रार्थना प्राप्त करना कठिन कार्य है। यह तो उन्हीं गिरमिटिया भारतीयोंके बारेमें सम्भव हो सकता है जो गिरमिटके बन्धनसे मुक्त हो जानेके पश्चात् आज अपना भरण-पोषण करनेमें असमर्थ हैं। इस खण्डका लाभ उठानेको और अधिवासका हक खो देनेको बहुत ही थोड़े भारतीय तैयार होंगे। साथ ही मैं यह सोचे बिना भी नहीं रह पाता कि एक ऐसे खण्डके नियम-विरुद्ध प्रयोगका प्रयास किया जा रहा है जो गरीब लोगोंकी मदद के लिए नहीं, संदिग्ध अधिवासके मामलोंसे निपटने के लिए तैयार किया गया था। संदिग्ध अधिवासके मामलोंसे मेरा तात्पर्य उन मामलों से है जिनमें एशियाई विरोधी दलके लोग 'अधिवास प्राप्त नहीं किया गया' कह सकते थे। आज उस करको हटा लेनेके ६ वर्ष पश्चात् ऐसे प्रत्येक भारतीयको, जिसके लिए उस कर की अदायगी लाजिमी थी, वैध अधिवास प्राप्त हो गया है। सरकार व्यक्तियोंकी मुसीबतसे बेजा फायदा उठाये और उन्हें एक बहुमूल्य हक से वंचित करनेकी कोशिश करे, यह बात अधिकारके सम्बन्धमें मेरी जो धारणा है उसके विपरीत बैठती है । विषम परिस्थितियोंमें ऐसी योजनाको प्रकाशित न करना ही बेहतर होगा। यद्यपि सरकार इसे कार्यान्वित करनेका अपना इन्तजाम पुख्ता करने में लगी हुई है किन्तु मुझे इस बातका इतमीनान है कि इस योजना से इने-गिने भारतीय ही लाभ उठानेको——जो कि एक संदिग्ध प्रकारका लाभ होगा——तैयार होंगे।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, १४-७-१९२०