पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 19.pdf/१६१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१३३
पत्र: मगनलाल गांधीको

जानता हूँ कि आपके लिए नये स्कूल और कालेज स्थापित करना नेताओंका कर्त्तव्य हो जाता है और आपके लिए जो सर्वोत्तम होगा वह अवश्य किया जायेगा। लेकिन मेरा निवेदन है कि आप अपने ऊपर पर्याप्त भरोसा रखें और अपने नेताओंपर भी पूरा भरोसा रखें। आप पहले जरूरत तो पैदा करें और ज्यों ही नेताओंको यह विश्वास हो जायेगा कि आप उन पुराने स्कूलों और कालेजोंमें नहीं जाना चाहते जो विश्व-विद्यालयोंसे सम्बद्ध हैं, त्यों ही उन्हें आप अपने लिए ऐसी संस्थाओंकी व्यवस्था करता पायेंगे। ईश्वर आपको इसकी शक्ति दे। ईश्वर आपको स्वास्थ्य दे। ईश्वर आपमें ऐसा विश्वास पैदा करे जिससे आपको अपना मार्ग स्पष्ट दिखाई दे।

[अंग्रेजीसे]
अमृतबाजार पत्रिका, १८-१२-१९२०
पश्चिम बंगाल सीक्रेट पुलिस रेकर्ड्स।
 

७६. पत्र: मगनलाल गांधीको

[कलकत्ता जाते हुए]
गुरुवार [१६ दिसम्बर, १९२०][१]

चि० मगनलाल,

कुछ ही घंटोंमें कलकत्ता पहुँच जाऊँगा। अगर डाक्टर मेहताके[२]लिए किसी तरह मकान बनवाना सम्भव हो तो बनवा देना। क्या हमें भी अच्छे बटवाला उम्दा सूत कातना नहीं सीख लेना चाहिए? अगर श्री कालेके[३]प्रयोगोंके फलस्वरूप सामान्य चर्सेपर भी ऐसा सूत काता जा सके तो अच्छा होगा, भाई लक्ष्मीदासका[४]ध्यान रखना। उनका स्वभाव मुझे तो बहुत ही अच्छा लगा है। कालेने जो चर्खा बनाया है, ऐसा उपाय करना कि वह मुतवातिर आठ घंटेतक चलाया जा सके।

दस्तावेज तैयार कराने के बारेमें क्या किया है सो लिखना। मेरा तो पूरा महीना यात्रामें निकल जायेगा।

बापूके आशीर्वाद

  1. गांधीजी ढाकासे कलकत्ता गुरुवारको पहुँचे थे और गुरुवार इसी तारीखको पड़ा था।
  2. लडा० प्राणजीवन मेहता, गांधीजीके मित्र, जिनके लिए आश्रमके समीप ही एक मकान बनवाया गया था।
  3. एक विशेष प्रकारके चबॅंके सम्बन्धमें जो पारितोषिक घोषित किया गया था, श्री काले उस पारितोषिकके लिए होड़में शामिल हुए थे।
  4. लक्ष्मीदास पु० आसर, सत्याग्रह आश्रम, साबरमतीके आश्रमवासी; इन्होंने खादी तथा ग्रामोद्योगों में विशेष प्रवीणता प्राप्त की थी।