पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 19.pdf/३९५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

१७९. मेरा उत्तरदायित्व

'सर्वोन्ट आफ इंडिया' ने यह दिखाने के लिए कि सभी असहयोगी प्रेमसे नहीं, वरन् द्वेषसे प्रेरित हैं, मेरा ध्यान पूनाके एक असहयोगी के वक्तव्यकी ओर आकर्षित किया है। मैंने इसमें कभी सन्देह नहीं किया है। उलटे, मैंने स्वीकार किया है कि अनेक असहयोगी द्वेषसे, अधिकांश न्यायकी भावनासे और कुछ थोड़से ही केवल प्रेमकी भावनासे प्रेरित हैं। पूनाकी वस्तुस्थितिके उल्लेखके बाद एक फटकार भी सुनाई गई है। लेखकने अपनी बात इस प्रकार समाप्त की है :

प्रेम और शान्तिके झण्डेके नीचे द्वेष और हिंसाकी शक्तियोंको भरती करना, यह विश्वास करना कि एक सीधा-सा सिद्धान्त प्रत्येक हृदयको खरे सोनेमें बदल सकता है, फूलके ढेरपर बैठकर शान्तिकी चिलम फूँकते जाना और प्रकट भोलेपनके साथ परिणामोंके सारे उत्तरदायित्वसे इनकार करना——ऐसा व्यवहार, चाहे वह किसी नबीका ही क्यों न हो, आश्चर्यजनक है।

मुझे कहते हुए खेद होता है कि यह फटकार तीन निराधार मान्यताओंपर आधारित है। मैंने प्रेम और शान्तिके झण्डेके नीचे द्वेष और हिंसाकी शक्तियोंको भरती नहीं किया है, वरन् मैंने न्यायके झण्डेके नीचे उन सबको भरती किया है जो न्याय पाना चाहते हैं, और ऐसा करनेमें——एक व्यावहारिक सुधारककी नाई——उन्हें भी भरती करनेमें संकोच नहीं किया है, जिनके विषयमें मैं जानता हूँ कि वे द्वेषसे प्रेरित हैं। पर वे भी न्याय पानेके अधिकारी हैं। हाँ, मुझे देखना चाहिए कि वे अपनी हिंसाको कहीं व्यवहारमें न उतारने लगें। मैं दावा करता हूँ कि द्वेषियोंकी एक बहुत ही बड़ी संख्या अपनी ओरसे असहयोगकी शर्तोंका ईमानदारीसे निर्वाह कर रही है, क्योंकि वे समझते हैं कि यदि उन्हें न्याय प्राप्त करना है——केवल क्रोध ही व्यक्त नहीं करना है——तो देशके लिए अहिंसा ही एकमात्र और सर्वोत्तम नीति है। अतः मेरे लिए यह विश्वास करनेकी कोई आवश्यकता नहीं हैं कि "एक सीधा-सा सिद्धान्त प्रत्येक हृदयको खरे सोनेमें बदल सकता है।" हाँ, यह विश्वास मैं अवश्य करता हूँ कि सम्भव है व्यावहारिक अनुभव नीतिको विश्वासमें बदल दे। कारण, मैं विश्वास करता हूँ कि लोग स्वभावसे ही स्नेही और शान्तिप्रिय हैं। जब वे द्वेष और हत्या करते हैं, तब वे अपने उच्चतर स्वभावके विरुद्ध ही ऐसा करते हैं। मैं 'फूसके ढेरपर बैठकर शान्तिकी चिलम नहीं फूँक रहा हूँ', न 'प्रकट भोलेपनके साथ परिणामोंके लिए सारे उत्तरदायित्त्वसे इनकार कर रहा हूँ। इसके विपरीत, खदानोंके कुशल विशेषज्ञकी नाई, मैं विस्फोटक गैसोंसे भरी एक कोयलेकी खदानमें विस्फोटके विरुद्ध सुरक्षित रहते हुए, सुरक्षा-दीप (सेफ्टीलैम्प) लिए उत्तरदायित्वकी समुचित भावनाके साथ घूम रहा हूँ——पूरी तरह यह जानते हुए कि सुरक्षा-दीपकी ऊपरी सुरक्षाके बावजूद विस्फोटक गैस किसी अज्ञात प्रक्रियाके द्वारा किसी क्षण भी विस्फोट कर सकती है। यदि उन्होंने विस्फोट