पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 19.pdf/४९६

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२३४. भाषण : सिवनीमें २० मार्च, १९२१ भगवानदीनजी यहाँ भाषण करने आये और यहीं पकड़े गये इसीसे मेरे मनमें यहाँ रुकनेकी विशेष इच्छा हुई । निरपराध व्यक्तियोंको सरकार पकड़ती है, यह हमारी जीतकी पक्की निशानी है। इस तरहकी गिरफ्तारीको तो हमें अपना लाभ मानना चाहिए और उसमें आनन्द मनाना चाहिए।

शराब पीने से तो गन्दे नालेका पानी पीना बेहतर है। नालेके पानीके बारेमें सिर्फ इतनी ही बात है कि वह गन्दा होता है और उसे पीनेसे बीमारी होती है, लेकिन शराबसे तो आत्मा मलिन हो जाती है। [ गुजरातीसे ] नवजीवन, ५-४-१९२१ २३५. पत्र : सी० एफ० एन्ड्रयूजको जबलपुर, २१ मार्च, [ १९२१] प्रिय चार्ली, मैं आज जबलपुरमें हूँ और जल्दी ही रेलसे कलकत्ता रवाना हो जाऊँगा। वहाँसे मुझे उड़ीसा जाना है। इसके साथ मेरा भारतका दौरा लगभग समाप्त हो जायेगा । सबसे गरीब प्रान्तका दौरा सबसे बादमें होगा। सरकारकी वर्तमान कार्यवाहीसे मुझे अकथनीय वेदना होती है। भारतमें शुद्धीकरणकी एक लहर चल रही है। लोग मद्यपान और अफीमके व्यापारको समाप्त कर देना चाहते हैं। सरकार उनके इस उद्देश्यको विफल करनेका भरसक प्रयत्न कर रही है। लोग सादा जीवन बिताना चाहते हैं। बड़ी चतुराईसे उन्हें इससे रोकनेका प्रयत्न किया जा रहा है। लेकिन मेरा खयाल है कि यह लहर रुक नहीं सकती। यह अवश्य जारी रहेगी। फिर भी मुझे करीब-करीब ऐसा लगता है मानो यह सारा प्रयत्न लॉर्ड रीडिंगके आगमनके सिलसिलेमें उनके १. महादेव देसाईके यात्रा विवरणसे उद्धृत । २. इस वर्ष २१ मार्चको गांधीजी जबलपुरमें थे । ३. गांधीजी २४ से २९ मार्च तक उड़ीसामें थे । ४. भारतके मनोनीत वाइसराय । Gandhi Heritage Portal