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टिप्पणियाँ


वे हमपर राज्य नहीं कर सकते। भले ही भारत डाकुओंसे आक्रान्त रहे, लेकिन आप अपनी प्रतिष्ठाको पहचानें। आप अपने कर्त्तव्यका पालन करें। भारतके स्वतन्त्र नागरिककी तरह मरनेसे बेहतर और क्या हो सकता है ? यह एक शैतानी प्रणाली है। मैंने इस प्रणालीको नष्ट करने के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया है।

[ अंग्रेजीसे ]

अमृतबाजार पत्रिका, ३१-३-१९२१

यंग इंडिया, १३-४-१९२१


२४६. टिप्पणियाँ
कांग्रेस-संविधान

मुझे अपनी यात्राके दौरान प्राप्त हुए अनुभवोंसे ऐसा लगता है कि यदि हम कांग्रेसको संविधान के अनुसार प्रत्येक गाँव में कांग्रेस-समितिकी स्थापना कर सकें और कांग्रेसकी सत्ताको प्रतिष्ठापित कर सकें तो इसीसे हम लगभग स्वराज्य प्राप्त करनेकी स्थिति में पहुँच जायें। यह काम किसीको मुश्किल नहीं लगेगा। और यदि हम इसे मुश्किल मानें तो फिर हमें इस एक वर्षमें स्वराज्य प्राप्त करनेकी इच्छा छोड़ देनी चाहिए। जहाँ-जहाँ लोगों में जागृति आ गई है और उनमें से कुछ ईमानदारीके साथ कामका नेतृत्व करने लग गये हैं, वहीं यह हो भी रहा है। कहते हैं कि जबलपुरमें एक ही जिलेमें ५०,००० लोगोंने अपने नाम दर्ज करवाये हैं। वहीं किसी-किसी गाँवमें तो लगभग ९० प्रतिशत स्त्री-पुरुषोंने कांग्रेसकी बहियोंमें अपने नाम दर्ज करवा डाले हैं। जबलपुर जिलेमें यह कार्य करनेवाले वकील नहीं हैं; दो मालदार जमींदारोंके युवा पुत्र हैं। वे अपना धन और समय, दोनों ही लोगोंको अर्पित कर रहे हैं। वकील वर्गका अधिकांश भाग तो इस प्रवृत्तिसे अलग ही रहा है। जहाँ लोग झूठी प्रतिष्ठाको अपने ध्यान में रखकर वकील अथवा पुराने कार्यकर्ताओंका दामन पकड़े हुए हैं और उन्हें छोड़कर जिनमें अपने कामको आगे बढ़ाने की हिम्मत नहीं है वहाँ कार्यकी गति अवरुद्ध हो गई है। गुजरात में २८ फरवरीको कांग्रेसके २५,००० सदस्योंके नाम दर्ज हुए। यह संख्या कोई अधिक नहीं कही जा सकती। जैसे जूनसे पहले-पहले हमें सारे भारतवर्ष से एक करोड़ रुपया इकट्ठा करना चाहिए वैसे ही जून माससे पहले-पहले हमें कांग्रेसके एक करोड़ सदस्य भी बना लेने चाहिए। इसका अर्थ यह हुआ कि हमें अभी सवा करोड़ रुपया इकट्ठा करना है, और एक करोड़ सदस्योंके नाम आदि दर्ज करनेकी व्यवस्था करनी है। गुजरातकी सारी आबादी ९६ लाख है। तीस करोड़में एक करोड़के अनुपात- से हमें गुजरात में जून माससे पहले तीन लाख सदस्य बना लेने चाहिए और प्रान्तीय समितिके तिलक-स्वराज्य कोषके अतिरिक्त तीन लाख सदस्योंसे शुल्कके रूपमें ७५ हजार रुपया भी प्राप्त कर सकना चाहिए। यदि सदस्य बनानेका यह कार्य व्यवस्थित रूपसे हो, लाभ तभी होगा। प्रत्येक सदस्यका पूरा नाम, धन्धा, ठिकाना और उम्र