पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 19.pdf/५२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

२१ तार: चिरावुरी यज्ञेश्वर चिन्तामणिको[१]

[२५ नवम्बर, १९२० को या उसके बाद][२]

मैंन निश्चय ही असहयोगियों द्वारा किसीका प्रचार[३] करनेका विरोधी हूँ। चूंकि मैंने उनमें पक्ष लेनेका रूझान पाया इसलिए मैंने असहयोगियोंको प्रलोभनके विरुद्ध चेतावनी देना शुरू किया। इससे अधिक मैं कुछ नहीं कहूँगा। मेरे नामसे किसीको भी झाँसीमें या अन्यत्र किसी उम्मीदवारको [किसी दूसरे उम्मीदवारकी तुलना में] ज्यादा अच्छा बतानेका अधिकार नहीं हैं। आशा हैं यदि आप झाँसी के अधिकांश मतदाताओंको चुनावके विरुद्ध पायेंगे तो आप उक्त चुनाव-क्षेत्रकी इच्छाका सम्मान करेंगे।

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ७३५५) की फोटो-नकलसे ।

२२. भाषण : विद्यार्थियोंकी सभा, बनारसमें[४]

२६ नवम्बर, १९२०

कुछ भास पूर्व मैंने आपसे संयमके बारेमें कुछ कहा था,[५] “आज भी आपके सामने मैं अपने हिसाब से संयमकी ही बात करने आया हूँ। आजकल यह कहा जा रहा है कि मैं विद्यार्थियोंको बहका रहा हूँ। मैं पूरी तरह अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कहता हूँ कि मैं किसीको बहकाना नहीं चाहता। में विद्यार्थियोंको बहका ही नहीं सकता। मैं भी एक विद्यार्थी था और विद्यार्थी अवस्थामें हर काम विनयपूर्वक करता था। मैं चार बच्चोंका पिता हूँ और ऐसे सैकड़ों लड़के मेरे पास आ चुके हैं, में आज भी जिनके पितास्वरूप होनेका दावा करता हूँ। ऐसी हालत में मेरे मुँहसे उन्हें बहकानेकी बात निकल ही नहीं सकती।

  1. सर चिराबुरी यज्ञेश्वर चिन्तामणि (१८८०-१९४१ ); प्रमुख पत्रकार, लेखक और राजनीतिज्ञ; इलाहावादके प्रसिद्ध दैनिक लीडरके सम्पादक।
  2. यह तार चिन्तामणिके झांसीसे दिये गये २५ नवम्बर, १९२० के तारके जवाबमें था जो इस प्रकार था: “आपके कुछ अनुयायी आपके नामपर मेरे खिलाफ काम कर रहे हैं और मतदाताओंको मेरे एक विरोधीको मत देनेके लिए उकसा रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आपका ऐसा मन्तव्य कभी नहीं हो सकता। आपसे प्रार्थना है कि अपने मित्रोंको तदनुसार तार दें। कृपया तारसे जवाब दीजिए।
  3. मॉण्टेग्यु-चैम्सफोर्ड सुधारोंके अन्तर्गत नवम्बर-दिसम्बर १९२० में हुए विधान सभाओंके चुनावोंक सम्बन्ध में।
  4. महादेव देसाईके यात्रा-विवरणसे उद्धृत।
  5. देखिए खण्ड १७, पृष्ठ ४८