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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


अस्वीकार कर दिये थे। वे उन्हीं कंद-मूल, फलपर जीवन निर्वाह करके ही सन्तुष्ट रहीं जो अशोक वाटिका में उन्हें उपलब्ध हो जाते थे। आप उन्हीं सीताजीकी उत्तराधिकारिणी हैं। आपसे में उन्हींके पदचिह्नोंपर चलनेके लिए कहता हूँ। हमारे शास्त्रोंने मुझे विश्वास दिलाया है कि एक सती स्त्रीका आशीर्वाद कभी व्यर्थ नहीं जाता। मैं चाहता हूँ कि आपमें भी वही पवित्रता निवास करे जो सीताजीमें थी। यदि आपमें सीताजीकी वह भावना भरी हुई है तो आप अपने पतियों या पिताओंसे यह कहनेमें न झिझकें कि आपको अपनी प्रसन्नताके लिए गहनोंकी जरूरत नहीं है। आप यह भी कहें कि हम यह कभी नहीं चाहतीं कि लोग न्यायालयोंमें वकालत करें या ऊँचे पदोंपर नौकरी करें। और उनसे कहें कि हमारी मजबूत बाहें तथा चपल अँगुलियाँ चरखा चलायेंगी, सूत कातेंगी। आप उनसे यह भी कहें कि हमारी मेहनतका फल उस धनमें योगदान करेगा जो कि हमारे पति, भाई व पिता कमाकर घरमें लायेंगे। आप अपने बच्चोंको रावण-राज्यके स्कूलोंमें भेजनेसे इनकार कर दें। यदि आपने अपने शरीरोंको विदेशी वस्त्र पहनकर कलुषित नहीं किया है तो पवित्र हृदयसे आप हमें आशीर्वाद दें। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस वर्षके भीतर धमराज्य प्राप्त करा सकेंगे। मैं चाहता हूँ कि आप जो कुछ गहने या धन मुझे देना चाहें सो संकोचवश नहीं, हृदयकी सम्पूर्णताके साथ दें। यह धन गरीब घरोंको चरखा मुहय्या करने तथा गरीब बालकोंको पढ़ानेमें खर्च किया जायेगा। मैं और आप तबतक अपनेको गहनों या सुन्दर वस्त्रोंसे न सँवारें जबतक कि एक भी पुरुष या स्त्री ऐसी है जिसके लिए अभी वस्त्र और भोजन मुहय्या करना शेष है। धैर्यपूर्वक भाषण सुननेके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ।

अब आप समझ गये होंगे कि पिछली परम्परासे विपरीत आज हमारे सब भाषण और प्रस्ताव हमारे प्रति ही सम्बोधित हैं। आजके हमारे भाषणों और प्रस्तावोंका तकाजा है कि हम अब सरकारसे आशा करने के बजाय स्वयं कुछ करें। मेरा आपसे निवेदन है कि आप मेरे सामने कमसे कम एक बार यह साबित कर दिखाएँ कि आप सब लोग स्वराज्य प्राप्त करनेपर तुले हुए हैं। मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप लोग उन स्वयंसेवकोंको जो अभी आपके पास आनेवाले हैं कुछ-न-कुछ अवश्य दें। ये सारी चीजें यदि पूरे मनसे तथा स्वराज्य प्राप्त करनेके दृढ़ निश्चयके साथ दी जायें तो स्वराज्य प्राप्त करने में सहायक होंगी। मैं संकोचवश या मजबूर होकर दी गई कोई वस्तु नहीं चाहता। जिस प्रकार में करोड़ों पाकर सन्तुष्ट होता हूँ वैसे ही एक पाईसे भी। इस वर्ष आपसे अनुशासनमें रहनेकी अपेक्षा की जाती है। ईश्वर आपको अनुशासनमें रहनेका साहस और सामर्थ्य दे।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, ६-४-१९२१