पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 19.pdf/५४१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

२६०. पारसियोंके बारे में कुछ और

कोलम्बोसे एक पारसी भाई बरजोरजी रतनशा भूरीने पारसियोंपर किये जानेवाले आक्षेपोंके बारेमें लिखा है। उसमें से मैं कुछ अंश यहाँ उद्धृत कर रहा हूँ । उनकी पारसी गुजरातीको बदलकर मैंने गुजरातियोंकी गुजराती बना दिया है और वाक्योंको संक्षिप्त भी किया है।

आप अपनी सचाई और सादेपनके लिए विख्यात हैं। आपने जो आशाएँ बाँधी हैं उनपर आप दृढ़ रहें। आपका असहयोग हिंसासे बिलकुल अलग चीज है। यदि वस्तुतः ऐसा हो तो में असहयोगका समर्थन करनेको तैयार हूँ। लेकिन क्या सब व्यक्ति आप जैसे ही विचार रखनेवाले हैं? अभीसे मारकाट शुरू हो गई है। इससे मुझे दुःख पहुँचा है और मैं अपनेको आपसे सहमत नहीं पाता।

इस टीकासे हमें कुछ सबक लेना चाहिए। हम जैसे-जैसे शान्तिका पाठ पढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे हमें सफलता मिलती जाती है और लड़ाईकी कीमत बढ़ती जाती है। भाई बरजोरजी दूर होने के कारण मारकाटका जो विवरण पढ़ते हैं उसीसे यह मान लेते हैं कि मारकाट शुरू हो गई है। लेकिन अभीतक तो यह कहा जा सकता है कि भारतमें जैसी शान्ति इस समय है वैसी पहले कभी न थी। लेकिन हमें तो सारे भारतपर शान्तिका राज्य कायम करना है। शान्तिकी रक्षा हमारा आधारस्तम्भ है। अगर वह कमजोर हुआ तो हमारी लड़ाई कमजोर होगी और वह दृढ़ हुआ तो हमारी लड़ाई दृढ़ होगी।

भाई बरजोरजी आगे लिखते हैं:

हमारे बाप-दादा ईरानसे आये । हमारे पवित्र और प्रिय धर्मकी खातिर वे हिन्दुस्तान में आकर बस गये । इसी हिन्दुस्तानसे हम दुनिया में मशहूर हुए हैं। बदलेमें हमने, हमसे जहाँतक बन पड़ा है वहाँतक, अपनी बन्धु-कौमों हिन्दू और मुसलमानोंकी सेवा की है। पारसियोंने जितना दान दिया उतना किसी अन्य कौमने नहीं दिया है। पारसी [ भारतकी जनराशिमें ] गेहूँके एक दानेके समान हैं... पारसी स्वराज्यके विरुद्ध नहीं हैं। लेकिन आप तो सात महीनेमें स्वराज्य प्राप्त करनेका इरादा रखते हैं। यह कदापि सम्भव नहीं होगा। ... यदि देशमें परस्पर एकता न हुई तो स्वराज्य प्राप्त करना ही मुश्किल हो जायेगा ।

पारसी-उदारतासे दुनिया में कोई अनभिज्ञ नहीं है। इसमें कोई सन्देह नहीं कि पारसियोंने जितना दान दिया है उतना संसारकी किसी भी कौमने नहीं दिया। और इसमें भी कोई सन्देह नहीं कि पारसी संख्या में बहुत कम होने के बावजूद अगर चाहें तो हिन्दुस्तान में स्वराज्यके लिए भारी मदद कर सकते हैं। कई पारसी सज्जन मदद कर रहे हैं, यह बात मैं पहले ही लिख गया हूँ; और जैसे-जैसे इस लड़ाईकी पवित्रता

१९-३३