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पत्र : सर बिलियम डब्लू॰ हंटरको

तार[१] प्रकाशित हुआ। उससे उपनिवेशी आग-बबूला हो गये। तारमें बताया गया था कि मैंने कहा है, भारतीयोंको लूट लिया जाता है, मारा-पीटा जाता है, आदि। परन्तु जब पत्रोंको मेरी पुस्तिकाकी नकलें प्राप्त हुई तब उन्होंने मंजूर किया कि मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही, जो नेटालमें पहले न कही गई हो और जो सही न मानी जा चुकी हो। परन्तु सामान्य जनताके, जिसने रायटरके तारके अधारपर अपनी राय कायम की थी, मनमें कड़वाहट बनी रही। इसके बाद बम्बई और मद्रासकी सभाओंके बारेमें तार आये। ये गलत तो नहीं थे; परन्तु इन्हें रायटरके संक्षिप्त समाचारके साथ मिलाकर पढ़ा गया और इनसे भावनाएं और भी कटु हुई।

इस बीच, भारी संख्यामें भारतीयोंको लेकर जहाजोंका आना जारी ही था। आनेवालोंके समाचार प्रमुख रूपसे और बढ़ा-चढ़ाकर छापे गये। उन्हीं जहाजोंसे जो लगभग उतने ही भारतीय वापस जाते थे उनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया। और कारीगरोंको बिना किसी आधारके यह विश्वास करा दिया गया कि ये जहाज अधिकतर भारतीय कारीगरोंको ला रहे हैं। इससे भारतीय-विरोधी संघोंका[२] संगठन हआ। उनकी बैठकोंमें प्रस्ताव पास करके नेटाल-सरकारसे मांग की गई कि वह स्वतन्त्र भारतीयोंकी बाढको रोके और भारतीयोंको जमीन-जायदाद आदि न खरीदने दे। इन संघोंको व्यापार-वाणिज्य करनेवाले लोगोंका बहुत बल प्राप्त नहीं है। इनमें मुख्यतः कारीगर और थोड़े-से निजी पेशे करनेवाले लोग शामिल हैं।

जब यह सब हो रहा था उस समय खबर आई कि 'कूरलैंड' और 'नादरी' नामक दो जहाज भारतीय यात्रियोंको लेकर नेटाल आ रहे हैं। मैं 'करलैंड' द्वारा यात्रा कर रहा था। मुझे जाना तो था एक ब्रिटिश इंडियन जहाजसे, परन्तु डर्बनसे एक तार आ गया, जिसमें मुझसे तुरन्त लौटने का अनुरोध किया गया था; इसलिए मेरा 'कूरलैंड' से यात्रा करना जरूरी हो गया। जैसे ही यह समाचार लोगोंमें फैला, अखबारों और डर्बनकी नगर-परिषदने मांग की कि बम्बईको संक्रामक रोगग्रस्त बन्दरगाह घोषित कर दिया जाये। जहाज १८ तारीखको नेटाल पहुंचे और उनपर बम्बई छोड़ने के दिनसे २३ दिनके लिए संक्रामक रोग-सम्बन्धी संगरोधक जारी कर दिया गया। बम्बईको संक्रामक रोगसे ग्रस्त बतानेवाली घोषणापर १८ दिसम्बरकी तारीख पड़ी थी और वह १९ तारीखको, अर्थात् जहाजोंके आनेके एक दिन बाद, एक विशेष सरकारी गज़टमें प्रकाशित हुई थी। जिस स्वास्थ्य अधिकारीने जहाजोंके बम्बईसे रवाना होनेके दिनसे २३ दिन पूरे करने के लिए पाँच दिनका संगरोध जारी किया था उसे बरखास्त कर दिया गया और उसके स्थानपर दूसरे व्यक्तिको नियुक्त किया गया। नया व्यक्ति पहले संगरोधकके बीतने के बाद जहाजोंपर गया और उसने उस दिनसे १२ दिनका संगरोध जारी कर दिया। सरकारने यह रिपोर्ट देनेके लिए एक

  1. इस तार के संक्षिप्त अंश के लिए देखिए पृ॰ १५२–५३
  2. यूरोपीय रक्षक संघ और औपनिवेशिक देसभक्त संघ; देखिए पृ॰ १५३–५४।