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सम्पूर्ण गांधी वाङ् मय

सर्वथा भिन्न बात है।' इसपर समितिवालोंने कहा : 'यदि सरकार ने कुछ न किया तो डर्बनवालों को स्वयं कुछ करना और भारी संख्या में बन्दरगाहपर जाना पड़ेगा। और देखना पड़ेगा कि क्या-कुछ किया जा सकता है।' यह कहकर उन्होंने इसके साथ इतना और जोड़ दिया : 'हम मानते हैं कि सरकारके प्रतिनिधि और उपनिवेश के अच्छे अधिकारीको हैसियतसे आप हमारा विरोध करने के लिए सेनाका भी प्रयोग करेंगे?' श्री एस्कम्बने कहा : "हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे। हम आपके साथ हैं। और आपका विरोध करने के लिए हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे। परन्तु यदि आप हमको ऐसी स्थितिमें डाल देंगे तो शायद हमें उपनिवेशके गवर्नरके पास जाना पड़े और उससे यह प्रार्थना करनी पड़े कि उपनिवेशका शासन-सूत्र आप अपने हाथमें ले लीजिए, क्योंकि अब हम शासन चलाने में असमर्थ है। आपको कोई और आदमी तलाश करने होंगे' (हो-हल्ला)।"

प्रतिरक्षा मंत्रीने यदि सचमुच ही ये शब्द कह दिये हों तो उनपर कोई सम्मति प्रकट करना हमारा काम नहीं है। परन्तु हम सादर आपका ध्यान उस भारी खतरेकी ओर खींचना चाहते हैं जो कि भड़के हुए लोगोंकी बहुत बड़ी भीड़को बन्दरगाहकी तरफ जाने देनेसे खड़ा हो सकता है। इन लोगोंका इरादा पहले कितना ही शान्त क्यों न हो, परन्तु सभामें वक्ताओंके भाषण तथा उनपर की हई टिप्पणियाँ सुन लेने के पश्चात् उत्तेजित हुए इन लोगोंके प्रदर्शनके उद्देश्यों और दोनों जहाजोंके यात्रियोंकी सुरक्षाके सम्बन्धमें किसीको भी गहरी चिन्ता हुए बिना नहीं रह सकती।

हम आपसे सादर निवेदन करना चाहते हैं कि इस उपनिवेशके कानूनोंके सामने सिर झुकानेवाले नागरिक होने के नाते, हमने भारी नुकसान उठाकर भी, सरकारकी सब शर्तोंको खुशी-खुशी पूरा कर देनेका यत्न किया है; और वैसा कर चुकने के पश्चात्, इजाजत मिलने पर हम अपने जहाजोंके यात्रियोंको बन्दरगाहके घाटपर उतारने के हकदार हो गये हैं। इतना ही नहीं, वैसा करते हुए, हम अपने यात्रियों और सम्पत्तिके लिए, लोगोंकी गैर-कानूनी कार्रवाइयोंसे सरकारी संरक्षण पानेके भी हकदार हैं—वे लोग कोई भी क्यों न हों। परन्तु सम्भव है कि इस सम्बन्धमें सरकारी कार्रवाईके कारण, पहले से विद्यमान उत्तेजना और भी बढ़ जाये, इसलिए अच्छा यह होगा कि यात्रियोंको ऐसे चुपचाप उतार दिया जाये कि जनताको इसका पता ही न चले और फलतः सरकारको कोई कार्रवाई न करनी पड़े। इसके लिए हम सरकारके साथ पूरी तरह आवश्यक सहयोग करनेको तैयार है। यदि हमारा यह सुझाव आपको पसन्द हो तो हमें आपका उत्तर पाकर और यह जानकर प्रसन्नता होगी कि इसे क्रियान्वित करने के लिए हमें क्या करना चाहिए।

आपके आज्ञाकारी सेवक,
(हस्ताक्षर) दादा अब्दुल्ला ऐंड कम्पनी