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सम्पूर्ण गांधी वाङ् मय

 

(परिशिष्ट ध)
नकल

उपनिवेश-सचिवका कार्यालय
नेटाल, पीटरमैरित्सबर्ग
११ जनवरी, १८९७

सी॰ ओ॰ २५७
महाशय,

मुझे आपके इसी महीनेकी ८ और ९ तारीखोंके पत्रोंका उत्तर देनेकी हिदायत दी गई है।

आपका यह सुझाव कि यात्रियोंको चुपचाप, जनताको पता लगने दिये बिना उतार दिया जाये, अमलमें लाना असम्भव है। सरकारको पता चला है कि आपने बन्दरगाहके कप्तानसे अनुरोध किया है कि जहाजोंको खास हिदायतोंके बिना बन्दरगाहमें न लाया जाये। आपकी इस कार्रवाई और आपके इन दोनों पत्रोंसे, जिनका उत्तर दिया जा रहा है, प्रकट होता है कि आप भारतीय यात्रियोंके उतरने के विरुद्ध उपनिवेश-भरमें विद्यमान तीव्र भावनाओंसे परिचित हैं, और उनको इन भावनाओंकी विद्यमानता और तीव्रताकी सूचना देनी ही चाहिए।

आपका आज्ञाकारी सेवक,
(हस्ताक्षर) सी॰ बर्ड,
मुख्य उपनिवेश-सचिव

श्री दादा अब्दुल्ला ऐंड कं॰,
डर्बन

(परिशिष्ट न)
नकल

डर्बन
१० जनवरी, १८९७

सेवामें
माननीय हैरी एस्कम्ब
प्रिय महोदय,

हमारी आपके साथ कल जो मुलाकात हुई थी, उसके परिणामकी सूचना हमने अपने मुवक्किल दादा अब्दुल्ला ऐंड कं॰ को दे दी है। इस मुलाकातमें आपने श्री वाइलीके उस सार्वजनिक वक्तव्यका प्रतिवाद कर दिया था जो कि उन्होंने प्रदर्शन