पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/११७

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४७. टिप्पणियाँ देशी राज्योंमें कया किया जा सकता है?

एक काठियावाडी भाई पूछते है कि देशी राज्योमे रहनेवाले भाइयोको क्‍या करना चाहिए | जबसे काठियावाडमे परिषद्‌ हुई है तबसे यह सवाल बहुत ज्यादा

पूछा जाता है। देशी राज्योमे हमे ब्रिटिश साम्राज्यके सम्बन्धमे कुछ भी नहीं कहना चाहिए और उन्हे विषम स्थितिमे नही डालना चाहिए। यह बात कहनेकी देशी राज्योमे कोई जरूरत

नही कि कैसी राक्षसी सरकार है। लेकिन देशी राज्योमे भी हम शराब छोडने और छुडवानेका आन्दोलन जरूर करे, वहाँ हम चरखेका प्रचार करे और सूत काते, विदेशी कपडेका बहिष्कार हम वहाँ भी करे, खादी जरूर पहने, व्यभिचार और जुएं आदिका

त्याग करे, काग्रेसकी बहीमें अपना नाम दर्ज करवाये, तिलक स्वराज्य-कोपमें खूब चन्दा दे। देशी राज्योमे रहनेवाले सब लोग यदि चाहे तो इतना योगदान दे सकते है, और

यदि वे इतना करे तो यह स्वराज्यके लिए बहुत माना जायेगा। असहयोगको जिन्होने

आत्मशुद्धिका यज्ञ माना है, उनके लिए तो कोई सवाल पूछनेको ही नहीं रह जाता। देशी राज्योमें रहनेवाले अगर भगीको भाई माने तो इसमे देशी राज्योके प्रति कोई द्रोह नही होता। देशी राज्य कोई हिन्दुस्तानसे बाहर नही है। हिन्दुस्तानके सब लोगोके सामने एक ही प्रइन है। धर्मयुद्ध सबके सामने उपस्थित है। सबको सत्य, निर्ममता और

शान्तिका पाठ पढना है। ब्रिटिश राज्यकी ह॒ृदमे, ब्रिटिश राज्यके विरुद्ध वोलना इष्ट हो सकता है, छेकिन देशी राज्योमे हमे ऐसा करनेकी तनिक भी आवश्यकता नही है। टीका अनावश्यक है

लेकिन ब्रिटिश राज्यकी हदमे भी क्या अब ब्रिटिश राज्यकी टीका करनेकी जरूरत है? मुझे तो छगता है कि टीका-मात्र छोड देनेमे ही हमारी सभ्यता है।

जितनी टीका करनी पडती हैसो मै कर छेता हूँ। 'नवजीवन ” के पाठकोको मै विश्वास

दिलाता हूँ कि जहाँ टीका करनेकी जरूरत जान पडती है वहाँ मैं टीका करनेंसे नहीं चूकता । लेकिन इस साम्नाज्यका नाश अथवा सुधार हम टीका करके नहीं कर सकते।

यह तो हम अपने कत्त॑व्यका पालन करके, स्वयं अपना सुधार करके ही कर सकेगे । हमे चरखा कातनेसे, काग्रेसमे नाम दर्ज करानेसे और तिलक स्वराज्य-कोपके लिए चन्दा इकट्ठा करनेके कामसे तनिक भी अवकाझ नही है। जब हम मुट्ठी-भर काम

करनेवाले छोग अपना प्रत्येक क्षण उपर्युक्त कार्योमे छगायेगे तभी हम जून मासतक

किये जानेवाले कार्यको पूरा कर सकेगे । तो फिर हम सरकारकी टीका करनेमें क्यो अपना समय बरबाद करे ?