पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/१४०

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५४. इश्तिहार[१]

[१९ मई, १९२१]

इश्तिहार सं० १ : स्वराज्य प्राप्त करनेका अर्थ है हर घरमें चरखा लाकर सूत कातना। आज ही अपने घरोंमें चरखे चालू कीजिए। चरखे और रुई प्रिंसेज़ स्ट्रीटके राष्ट्रीय विद्यालयसे प्राप्त किये जा सकते हैं।[२]

इश्तिहार सं० २ : सूतके जरिये स्वराज्य। यदि आप स्वराज्यके युद्धमें अपना भाग अदा करना चाहते हैं तो जितना सूत कात सकें, कातें . . . ।

इश्तिहार सं० ३ : सामान्य तौरपर सूत कातना धन्धा नहीं, कर्त्तव्य है। जबतक भारतमें सूत काता जाता था तबतक वह समृद्ध था। भारतको पुनः समृद्ध बनानेके लिए फिरसे कताईका काम शुरू कीजिए

इश्तिहार सं० ४ : सूतकी कमी दूर करनेसे भारत जितनी प्रगति करेगा उतनी किसी अन्य उपायसे नहीं ... ।

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे सीक्रेट एब्स्ट्रैक्ट्स, १९२१

५५. एक परिपत्र

भुसावल जाते हुए,
२० मई, [१९२१]

प्रिय मित्र,

परमश्रेष्ठ वाइसरायके साथ मेरी छः मुलाकातें हो चुकी हैं। बातचीत में कोई भी नया मुद्दा नहीं उठाया गया। मैंने उनके सामने तीन बातें रखीं और उनका हल निकालने के लिए तीन समितियाँ बनानेका सुझाव रखा। फिलहाल तो वे शायद मेरे सुझावोंपर अमल नहीं करेंगे। लेकिन मैं मानता हूँ कि परिस्थितिको समझनेमें हमें उनकी सहायता करनी चाहिए।

मैंने उनके सामने सुझाव रखा था कि जिस तरह उन्होंने मेरे साथ मुलाकात की है उसी तरह उनको अन्य असहयोगी नेताओंके साथ भी बातचीत करनी चाहिए। उनको यह विचार पसन्द आया और उन्होंने कहा कि जो लोग भी उनसे मिलने की इच्छा प्रकट करेंगे उनको वे बड़ी खुशीसे समय देंगे। लाला लाजपतराय परमश्रेष्ठसे

  1. ये इश्तिहार ' महात्मा गांधीका सन्देश' शीर्षक से देशी भाषाओंमें जारी किये गये थे। यह पाठ बॉम्बे गवर्नमेंट रेकर्डसमें अधिकृत अनुवादसे उद्धृत किया गया है।
  2. यह वाक्य प्रत्येक इश्तिहारके अन्त में दुहराया गया था।