पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/२०३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१७३
भाषण : अन्त्यज परिषद् वेजलपुरमें


(३) मनसा वाचा कर्मणा अहिंसा असहयोग योजनाका जरूरी अंग है और अहिंसा के सिद्धान्तका पालन करनेपर ही योजनाकी सफलता निर्भर करती है, इसलिए यह सभा सबसे अनुरोध करती है कि सरकारी अधिकारियों द्वारा अभियोग लगाये जाने या उत्तेजित किये जानेपर भी पूर्ण शान्ति कायम रखें, और द्वेषपूर्ण भाषण न दें और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा सुझाये कार्यमें पूरी तरह जुट जायें। गुजरात प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीके विशेष आदेशके बगैर हड़ताल करना बन्द कर दें और सरकार द्वारा की जानेवाली नेताओंकी गिरफ्तारीपर सभी तरह के विरोधी प्रदर्शन बन्द कर दें।

(अ) यह सभा सरकारकी दमनकारी नीति के बावजूद समूचे देशने जो शान्ति रखी उसपर सन्तोष व्यक्त करती है और मालेगाँव में सरकारी अधिकारियों और प्रमुख सहयोगियोंके विरुद्ध किये गये हिंसापूर्ण कार्योंके लिए कड़े शब्दोंमें खेद तथा निराशा व्यक्त करती है।

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल, ६-६-१९२१

८५. भाषण : अन्त्यज परिषद्, वेजलपुर में[१]

१ जून, १९२१

अन्त्यजोंके अतिरिक्त जो भाई यहाँ आये हैं उन्हें मैं मुबारकबाद देता हूँ और हिन्दुओंको तो मैं पवित्र हुआ मानता हूँ। मुझे तो मानपत्र भेंट करने की जरूरत ही न थी। अब यदि कोई मुझसे पूछता है तो मैं कहता हूँ कि मैं अन्त्यज हूँ। यह धन्धा पवित्र है। इसके बिना गुजारा नहीं हो सकता। पाखाना साफ करनेवाले न हों तो हैजे से हम मृत्युकी शरण ही चले जायें। आप लोग मुझे मानपत्र देना भूलकर पुरुषार्थ करें। अपना उद्धार करें, दारू छोड़ें और चमड़ेके लिए पशुओंके प्राण न लें। मरे हुए पशुओंकी चमड़ी उतारें। अपना धन्धा करनेके बाद नहा-धोकर स्वच्छ हो जानेपर बाहर निकलें। जूठे भोजनकी भीख न माँगें और किसीकी भी जूठन स्वीकार न करें। विनयपूर्वक उसे लेनेसे इनकार कर दें। विवेककी रक्षा करते हुए जो मिले उसे ही स्वीकार कर लें।

काँचसे जड़े विदेशी सन्दूकमें मानपत्र देकर आपने मेरा अपमान किया है। आपको केवल अपने हाथकी कारीगरीसे बना हुआ मानपत्र ही देना चाहिए था। विदेशी वस्तुएँ आपके लिए नहीं हैं। अहमदाबादका केलिको कपड़ा कंगालोंके लिए है। आपको तो कुलीनताकी परिचायक खादी चाहिए। उसी तरह आपको कपड़ा बनाना, पहनना और बेचना

  1. गुजरात के भड़ौंच जिलेमें। यह भाषण सभामें दिये गये मानपत्रका प्रत्युत्तर देते हुए दिया गया था।