पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/४६२

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४३० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय विशेषज्ञ उपलब्ध हों तो वे उन स्कूलोंको उनके नियन्त्रण एवं देखरेखमें रहने दें। खिलाफत और पंजाबके अन्यायोंका परिमार्जन हो जाये तो भी जबतक स्वराज्य नहीं मिलता, असहयोग बन्द नहीं किया जा सकता। मैंने अपनी शिमलाकी भेंट जनताको विस्तारसे नहीं बताई, यह गोपनीयता मेरी रायमें पाप नहीं है। जब कोई व्यक्ति अपने किसी मित्रकी विश्वास करके कही हुई बातको बतानेसे इनकार करता है तब वह पाप नहीं करता। विश्वासको कायम रखने और गोपनीयता न रखनेमें पूरी संगति है। हम दण्ड-भयसे या भावी अनिष्ट-भयसे किसी बातको गुप्त रखें, यह सम्भव है। तेजसिंह वर्मा : फीजी और असमके लोगोंको लेनेका आपका कृपापूर्ण प्रस्ताव श्री एन्ड्रयूजके पास भेज दिया गया है। उनका पता है- शान्तिनिकेतन, बोलपुर, पूर्व भारत रेलवे। [अंग्रेजीसे] यंग इंडिया, २१-७-१९२१ - २०५. सभ्यताका उपहास यद्यपि में साहित्य पढ़नेका प्रेमी हूँ, किन्तु मुझे किसी साहित्यिक कृतिको पढ़नेका अवसर कठिनाईसे ही मिलता है। 'नेशन' साप्ताहिकका पिछले बड़े दिनपर निकाला गया अंक मेरे पास महीनोंसे पड़ा है। उसमें 'लॉ ऐंड गॉस्पेल शीर्षकसे एक विचारपूर्ण निबन्ध है। यह निबन्ध वर्तमान आन्दोलनपर इतना अधिक लागू होता है कि 'यंग इंडिया के जो अनेक पाठक उसे देख नहीं सके हैं उनके लाभके लिए मैं उसे किसी तरहका बहाना बताये बिना ज्योंका-त्यों पूरा उद्धृत करता हूँ। उस निबन्धके योग्य लेखकने विश्व-विद्रोहको तत्त्वतः धार्मिक आन्दोलन बताया है। पाठकोंको इस बातका निर्णय करना चाहिए कि क्या भारतीय असह्योग आन्दोलन, जो अहिंसाकी स्पष्ट मान्यतापर आधारित है (भले ही हम उस अहिंसाको व्यवहार में लानेमें बहुत सफल न भी हों), उन सभी आन्दोलनोंमें सबसे अधिक धार्मिक नहीं है जो विश्वके विभिन्न भागोंमें मनुष्यको ऐसी प्रणालीकी दासतासे मुक्त करने के लिए चलाये जा रहे है, जिसे हम झूठ-मूठ ही सभ्यता कहते हैं। [अंग्रेजीसे] यंग इंडिया, २१-७-१९२१ १. मूल अंग्रेजी निबन्धके लिए देखिए अंग्रेजी खण्ड २०, परिशिष्ट ५ । Gandhi Heritage Porta