पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/१०५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
७५
गो-रक्षाका उपाय

मोपला हमारे देशके बहादुरसे-बहादुर लोगों में से हैं। वे खुदासे डरते हैं। हमें उनकी बहादुरीको निखारकर शुद्ध करना है। मेरा विश्वास है कि यदि एक बार वे अपने धर्मको, अपने विश्वासोंकी रक्षा के लिए, जिसके लिए अभी उन्होंने जानें ली हैं, अहिंसाकी आवश्यकता समझ जायें तो बिना किसी हिचकिचाहटके वे अहिंसाका पालन करेंगे। मोपले कितने बहादुर होते हैं, इसके प्रमाणमें एक साक्षी देखिए। 'इम्पीरियल गजेटियर आफ इंडिया' का लेखक लिखता है --

उनके स्वभावमें एक चीज हमेशा होती है, धर्मके मामलेमें अन्धी और उन्मत्त कट्टरता। वे झुकना तो जानते ही नहीं। लड़ने जायें उसके पहले ही भावी शहीदों को देवापित कर दिया जाता है और मरनेके बाद उनका गुण-गान किया जाता है।

ऐसे बहादुर लोग निश्चय ही ज्यादा अच्छे व्यवहारके हकदार हैं। लेकिन उनकी बहादुरी के प्रति सरकारका रवैया इस बातसे जाहिर होता है कि उसने उनके खिलाफ वर्षो पहले एक विशेष कानून पास किया था। मौजूदा उपद्रवसे निपटने के लिए उसने अपना चक्र गतिमान कर ही दिया है। मोपला लोग निस्सन्देह मौतको हँसते-हँसते गले लगायेंगे। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम उनकी इस बहादुरीको अहिंसाकी अधिक विशुद्ध और उदात्त बहादुरीमें बदल डालें ? वह एक चमत्कार ही होगा और चमत्कार महज मानवीय प्रयत्नके द्वारा सम्भव नहीं है। लेकिन ईश्वर तो चमत्कार कर ही सकता है। बहुत लोगोंका खयाल है कि अगर हम इसी वर्ष स्वराज्य प्राप्त कर लेते हैं तो वह निस्सन्देह एक चमत्कार होगा। लेकिन उस चमत्कारके पहले हमें एक और चमत्कार कर दिखाना है। हमें भारतकी जनताका, उसके बहादुरसे-बहादुर सपूतोंका मन जीतकर उन्हें अहिंसाके मार्गपर कमसे-कम इस हदतक अवश्य लाना है कि वे स्वीकार कर लें कि भारतकी आजादी अहिंसाके द्वारा ही पायी जा सकती है।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, ८-९-१९२१


३२. गो-रक्षाका उपाय

मौलाना मुहम्मद अली तथा मौलाना आजाद सोबानीके साथ मेरी बिहार यात्राका उद्देश्य गायके प्रश्नपर फैली हुई गलतफहमीको रोकना था। कई स्थानोंपर हमारे भाषण हुए। एक मित्रके सौजन्यसे, जिन्होंने मेरे एक भाषणका सार लिपिबद्ध किया था, अपने उसी भाषणकी मुख्य-मुख्य बातें मैं यहाँ पाठकोंके लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ।

अपने भाषणके प्रारम्भमें गांधीजीने लोगोंकी 'चरण' छूनेकी आदतका उल्लेख करते हुए कहा कि यह मेरे लिए परेशानीकी चीज बन गई है।

लोग इस कार्यको वीर-पूजाकी भावनासे करते हैं। और खासकर बिहारमें यह वृत्ति बहुत ज्यादा है। लोग मेरे अवतार होने की बाततक कह डालते हैं। हिन्दू होनेके नाते मैं अवतारोंमें विश्वास जरूर करता हूँ। मेरा विश्वास है कि अपनी योजना