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भाषण : कडालोरमें

अध्यायकी समाप्तिपर देखेंगे कि स्वराज्यकी प्राप्तिमें और खिलाफत तथा पंजाबकी समस्याओं के हल कराने में आपका योगदान कम नहीं रहा है। ईश्वर आप लोगोंको वैसी बुद्धि और साहस दे जिसकी प्रत्येक भारतवासीसे अपेक्षा की जाती है। यदि आप कल समुद्र तटकी सभा में मौजूदा रहे होंगे तो आपने मुझसे सुना होगा कि मौलाना मुहम्मद अली वाल्टेयरमें गिरफ्तार हो गये हैं। वे आपके तथा मेरे लिए गिरफ्तार किये गये हैं और जेलमें बन्द कर दिये जायेंगे। हम आप जानते हैं कि वे एक ईमानदार मुसलमान और बहादुर भारतीय हैं। हम और आप जानते हैं कि वे अपने धर्मको और देशको प्यार करनेवाले व्यक्ति हैं। उन्होंने और उनके भाईने पहले ही अपने देश और धर्मकी खातिर कष्ट झेले हैं, और इन भाइयोंके प्रति हमारा स्नेह और आदर हमसे हिंसाकी या कोधकी अपेक्षा नहीं करता, वरन् यह चाहता है कि हम कार्यक्रमको सफल बनानेका दृढ़ निश्चय करें। वे कोई हड़ताल नहीं चाहते और न कोई हिंसापूर्ण व्यवहार ही चाहते हैं। वे चाहते हैं कि हम एकतामें बँधे रहें और, चाहे हर एकको लँगोटीभरके लिए कपड़ेसे ही सन्तोष क्यों न करना पड़े, विदेशी वस्त्रका बहिष्कार करें। वे हमसे आशा करते हैं कि हम निर्भयतापूर्वक ईश्वरोन्मुख होकर इसी साल के भीतर स्वराज्य स्थापित करें और स्वराज्यकी संसद् के प्रथम प्रस्तावके अधीन उन्हें जेलसे रिहा करायें।

आपने जिस अनुकरणीय धैर्य के साथ मेरी बात सुनी है उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। मौलाना आजाद सोबानी, जैसा कि आपमें से कुछ लोग जानते हैं, एक महान् धर्मविद् मुसलमान हैं, अब आपसे कुछ शब्द कहेंगे जिसपर आप आदर सहित ध्यान देंगे, ऐसा मुझे विश्वास है। ...

सभाकी समाप्तिपर विभिन्न प्रकारके कपड़ोंकी होली जलाई गई।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, १७-९-१९२१

५७. भाषण : कडालोरमें[१]

१७ सितम्बर, १९२१

अध्यक्ष महोदय तथा मित्रो,

आज मुझे भेंट किये गये अभिनन्दन पत्रों तथा तिलक स्वराज्य कोष के लिए दी गई थैली के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूँ। स्मर्ना-सहायता कोषके लिए मुसलमान मित्रोंने जो थैली भेंट की है, उसके लिए भी मैं आपका आभारी हूँ। मैं जानता हूँ कि मौलाना मुहम्मद अली यह थैली लेनेके लिए यहाँ मौजूद होते तो आपको ज्यादा खुशी होती। परन्तु यदि हमारे बीच मुहम्मद अली नहीं हैं, तो उनकी जगह धर्मविद्

  1. गिडलाम मैदानमें एस० श्रीनिवास आयंगारकी अध्यक्षता में हुई सभा में गांधीजीके अंग्रेजी में दिये गये भाषणका एम० के० आचार्थने तमिलमें अनुवाद किया।