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टिप्पणियाँ

समय कमसे-कम एक लाख लोगोंकी आबादी बढ़ जायेगी। हम इन सब लोगोंके रहने-खाने की व्यवस्था करनेके लिए बँधे हुए हैं। लोग चाहे जहाँ रहें, चाहे जहाँ ठहर जायें इसकी अपेक्षा उनके लिए पहलेसे आवश्यक व्यवस्था करना बहुत जरूरी है।

प्रदर्शनी

कांग्रेस अधिवेशनके साथ प्रदर्शनी तो अवश्य की जायेगी। मुझे लगता है कि हमें इस प्रदर्शनी में केवल भारतकी प्राचीन कलाके नमूने और खादी और रुईकी समस्त क्रियाओंसे सम्बन्धित वस्तुएँ रखनी चाहिए। हमें मिलोंके कपड़ोंको प्रदर्शनीमें रखनेकी बिलकुल जरूरत नहीं है। बम्बईकी प्रदर्शनी में मुझे यह त्रुटि दिखाई दी थी। हाथके सूतके ताने-बानेसे हम जिस-जिस किस्मका कपड़ा बना सकते हैं, प्रदर्शनीमें उसीको रखना उचित है। अहमदाबाद आज भी प्राचीन कलात्मक वस्तुओंका संग्रह स्थान है। हम लकड़ी और हाथी-दांतकी खुदाईकी वस्तुएँ और प्राचीन चित्र भले ही रखें, किन्तु कपड़े की हदतक हमें दृढ़तापूर्वक खादी और खादी के निर्माणसे सम्बन्धित उपकरणोंके अतिरिक्त अन्य एक भी वस्तु प्रदर्शनी में नहीं रखनी है। मैं ये सब बातें समिति के सामने विचारार्थ रखता हूँ। मुझे आशा है कि ये विचार मेरे हैं इसलिए इनको मान ही लेना चाहिए इस आग्रहके साथ इनपर चर्चा नहीं की जायेगी; बल्कि मैं चाहता हूँ कि समिति अन्य बहुतसे विचारों के साथ-साथ मेरे विचारोंपर भी निष्पक्ष रूपसे चर्चा करे।

स्वयंसेवक

स्वयंसेवकोंकी शिष्टता, नम्रता और चतुराईपर बहुत-कुछ निर्भर रहेगा। मैंने बंगालमें देखा था कि वहाँ स्वयंसेवक केवल धोती ही पहनते हैं। पूर्वी बंगालमें मैंने मुसलमान और हिन्दू दोनोंको ही धोती पहने देखा है। मुसलमान टोपी लगाते हैं और हिन्दू नंगे सिर रहते हैं। मैंने यह बात तो कहीं नहीं सुनी कि पायजामेके बिना स्वयंसेवकोंको अपना काम करनेमें अड़चन आती है। मैंने इस सम्बन्ध में बहुत अनुभवके बाद यह देखा है कि अहिंसाका पालन करनेवाले स्वयंसेवकोंका वेश कमसे-कम सशस्त्र सैनिकों या पुलिस के सिपाहियोंके समान तो नहीं होना चाहिए। असहयोगके स्वयंसेवकोंमें अहिंसाका आभास मिलना चाहिए। सैनिकवेशसे अहिंसा नहीं झलकती और वह अहिंसाको भावनाके विरुद्ध दिखता है। कुछ स्वयंसेवकोंने तलवार या अन्य शस्त्र पास रखना सीख लिया है; यह छोड़ देना चाहिए। हावड़ाकी एक सभामें एक स्वयंसेवक के पास किर्च थी। मौलाना मुहम्मद अलीने उससे किर्च ले ली थी। यदि हमें किसीको मारना नहीं बल्कि स्वयं मरना सीखना है तो हमें तलवार किसलिए चाहिए ? वह किस चीजकी निशानी है ?

[ गुजराती से ]
नवजीवन, १८-९-१९२१