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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

गर्व नहीं करना चाहिए, और जो लोग बहुत गरीब हैं, उन्हें एक लँगोटीमें खुश रहना चाहिए। सरकार हमारे सामने उत्तेजनाका चाहे जो कारण प्रस्तुत करे, हम सबको बहुत धैर्य से काम लेना चाहिए और अहिंसा धर्मपर दृढ़ रहना चाहिए। हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच पूरी एकता रहनी चाहिए। हिन्दुओंको छुआछूतकी भावना छोड़ देनी चाहिए। हिन्दू शास्त्रोंमें ऐसा कुछ नहीं है जिसके आधारपर छुआछूतको ठीक माना जा सकता हो। मैं यह बात एक ऐसे सनातनी हिन्दूके नाते कह रहा हूँ जो चालीस वर्षोंसे अधिक समय से एक सच्चे हिन्दूकी तरह रहता आ रहा है। हमें शराब नहीं पीनी चाहिए, जुआ नहीं खेलना चाहिए। हमें अपनी पाशविक वृत्तियोंपर अंकुश रखना चाहिए। यदि हम ऐसा करेंगे तो बेशक हमें स्वराज्य भी मिलेगा, पंजाब तथा खिलाफत सम्बन्धी अन्यायोंका निराकरण भी हो जायेगा और हम अली-बन्धुओंको रिहा भी करा लेंगे।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, २६-९-१९२१

८०. भाषण : कोट्टायुरमें

२२ सितम्बर, १९२१

मित्रो,

मैं अभिनन्दन-पत्र तथा थैली भेंट करनेके लिए आपको धन्यवाद देता हूँ। जब आप अपने विदेशी वस्त्रोंको त्याग देंगे तब मैं आपको और अधिक धन्यवाद दूंगा। यदि आपको जरूरत के लायक काफी खद्दर न मिले तो सिर्फ एक लँगोटी पहन कर ही रहिए।

बनो, दक्षिण आफ्रिकाकी जेलमें मेरे साथ आप जैसी अनेक बहनें थीं। मैं नहीं चाहता कि आप अभी जेल जायें। परन्तु मैं यह जरूर चाहता हूँ कि आप सूत कातें और विदेशी कपड़ा पूर्ण रूपसे त्याग दें। आप चाहे जिस रंगमें खद्दरको रंग सकती हैं। जबतक हम स्वदेशीको नहीं अपनाते, जबतक शराब पीना नहीं छोड़ते, जबतक देशमें पूर्ण शान्ति नहीं स्थापित होती, जबतक हम अपनी पाशविक वासनाओंपर काबू रखने में समर्थ नहीं होते और जबतक हिन्दुओं और मुसलमानोंमें पूरी एकता नहीं होती तबतक स्वराज्य नहीं मिल सकता।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, २६-९-१९२१