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भाषण : अभिनन्दनके उत्तरमें

किया है जिनपर असहयोगियोंका ध्यान केन्द्रित है और यदि आप उनमें दो बातें और जोड़ दें तो मेरा खयाल है कि आप असहयोगका कार्यक्रम लगभग पूरा कर लेते हैं। मुझे जरा भी सन्देह नहीं है कि आप अहिंसा-धर्मका पालन करें और पूरे सेलम जिलेमें या अपने शहरमें अहिंसाका प्रचार करें इसमें आपका नियम किसी तरह बाधक नहीं है। उसी तरह मुझे विश्वास है कि आपकी नियमावली हिन्दू-मुस्लिम एकताको बढ़ावा देनेसे भी आपको नहीं रोकती। फिर, मेरी कही हुई अन्तिम दो बातों तथा मद्यनिषेधको उत्तेजन देनेका सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम अपना ध्यान स्वदेशीपर केन्द्रित करें, और हालांकि सेलममें मैं स्वदेशीकी प्रगति मद्रास अहातेके अन्य स्थानोंसे कहीं ज्यादा देखता हूँ, फिर भी आपने स्वदेशीके लिए जितना कुछ किया है, उससे मैं सन्तुष्ट नहीं हूँ। मैं नहीं जानता कि इस नगरपालिकाके सदस्य अपने घरोंमें निष्ठापूर्वक स्वदेशीका पालन कर रहे हैं या नहीं। मैं नहीं जानता कि वे स्वयं सूत कातनेमें सिद्धहस्तता प्राप्त करके प्रचारके लिए उपयुक्त व्यक्ति बन पाये हैं या नहीं। मुझे सन्देह है कि सेलम नगरपालिकाके अधीन चलनेवाले स्कूलोंमें आपने कताईको अनिवार्य नहीं किया है। नगरपालिकाके सभी कर्मचारियोंके लिए खद्दरकी पोशाक निर्धारित करनेकी दृष्टिसे मैं आपको लाहौर नगरपालिकाका अनुकरण करनेको कहूँगा; और आप जानते हैं कि आपके शहर में चरखे और खद्दरके प्रचलनका क्या मतलब है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि इससे शहरकी पूरी आमदनीमें २५ प्रतिशत बढ़ोतरी हो जायेगी। मैं जानता हूँ कि आपका नगर बुनाईका एक बड़ा केन्द्र है और यदि नगरपालिका अपना कर्त्तव्य निभाये तो वह आसानीसे बुनकरोंको जापानी या कोई अन्य विदेशी सूत इस्तेमाल न करनेको राजी कर सकती है। इस तरह आपके सामने स्वदेशीका एक बड़ा कार्यक्रम पड़ा हुआ है और मद्रास सरकार द्वारा बनाया जानेवाला कोई भी अधिनियम आपको वह कार्यक्रम पूरा करनेसे रोक नहीं सकता। थाना नगरपालिकाके दृष्टान्तका अनुकरण करते हुए शराबकी दुकानोंपर आप स्वयं धरना दे सकते हैं। यदि आपके पास काफी कोष है तो आप थाना जिला बोर्डकी तरह कांग्रेस कमेटी और खिलाफत समितिको शराबकी दुकानोंपर धरना देनेके लिए थोड़ी रकम दे सकते हैं। आखिरकार हमारा आन्दोलन आत्मशुद्धि तथा आत्म-सम्मानकी खोज और रक्षाका आन्दोलन है। और भी तरीके हैं, जिनके जरिये हम ये दोनों कार्य कर सकते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि सेलम नगरपालिका आत्मशुद्धिके कार्य में तथा आत्म-सम्मानकी रक्षाके प्रयत्न में किसीसे पीछे नहीं रहेगी। मैं आपको एक बार फिर आपके अभिनन्दन पत्र के लिए धन्यवाद देता हूँ।

[ अंग्रेजीसे ]
हिन्दू, २९-९-१९२१