पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 21.pdf/२५९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२२९
टिप्पणियाँ

बहुतसे ऐसे कपड़े भी पहनने पड़ते हैं जो हिन्दू बहनोंको नहीं पहनने पड़ते। फिर भी वे बुरका पहनती ही रहीं। अगर कोई मुल्ला कोई ऐसी नजीर ढूंढ निकाले जिसके बलपर सार्वजनिक काम करनेवाली महिलाओंको बुरका -- और खासकर जब वह बुरका भी खादीका हो -- त्यागनेकी छूट मिल जाये, तो यह एक दयाका काम होगा। खैर, जो भी हो, असमकी दम घोटनेवाली गरमीमें भी वे सब-कुछ बहादुरीसे सहती रहीं।

लेकिन उनकी सबसे कठिन परीक्षा और सबसे बड़ी विजयकी घड़ी तब आई जब वाल्टेयर में उनके पतिको उनसे अलग कर दिया गया। मैंने उन्हें उस कमरेसे बाहर आते देखा था जिसमें उनके पतिको नजरबन्द करके रखा गया था। वे प्लेटफार्मपर दृढ़ कदमोंसे चल रही थीं। और जब मैंने उनसे पूछा कि आपको क्या इस बातसे खुशी नहीं है कि आखिरकार आपके पति गिरफ्तार हो गये, तो उन्होंने तनिक भी विचलित हुए बिना जवाब दिया कि मैं बेशक खुश हूँ, क्योंकि वे खुदा के लिए और अपने वतनके लिए जेल जा रहे हैं। पाठकोंको मालूम ही है कि उन्होंने किन साहस भरे शब्दोंके साथ अपने पतिको [ जेलकी ] उस गौरवपूर्ण यात्रापर विदा किया। हम लोग मद्रास-यात्रापर आगे बढ़े। वहाँ समुद्र के किनारे एक भारी सार्वजनिक सभा हुई। श्रोता लोग उनसे बिलकुल अनभिज्ञ थे। वे सभामें गई और जरा भी लड़खड़ाये बिना ऊँची आवाजमें बहुत सुन्दर हिन्दुस्तानीमें बोलीं। और जब एकके बाद एक वाक्य उनके मुँहसे निकल रहे थे, मुझे अनायास कहना पड़ा कि वे एक बहादुर पतिकी बहादुर पत्नी हैं। वे हमारे साथ यात्रापर आई, इस बातसे मुझे गर्वका अनुभव हुआ। नीचे मैं उनके भाषणका स्वतन्त्र अनुवाद दे रहा हूँ :

मेरे हिन्दू और मुसलमान भाइयो तथा बहनों, मुझे आपको यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि अपने पतिकी गिरफ्तारीपर मैं जरा भी दुःखी नहीं हूँ| मैंने उनसे जेलमें खुश रहनेको कहा है और वादा किया है कि मैं उनके कामको आगे बढ़ाने के लिए अपनी लियाकत-भर पूरी कोशिश करूँगी। मुझे उम्मीद है कि हमारे हिन्दू और मुसलमान भाई, सभी लगातार काम करते रहेंगे और इस तरह स्वराज्य हासिल करेंगे। अगर आप मौलाना साहबको जल्द ही रिहा देखना चाहते हैं तो आप सबको खादी पहननी चाहिए, सभी बहनोंको अपने धर्म और वतनकी खातिर रोज चरखा चलाना चाहिए। मौलाना साहबकी जगह इस्लाम और हिन्दुस्तानकी सेवा करने के लिए बहुत सारे लोगोंको आगे आना चाहिए। मैं मुसलमान भाइयोंसे यह मिन्नत भी करूँगी कि 'अंकारा सहायता कोष' के लिए वे अपनी सामर्थ्य-भर पूरा चन्दा दें।

शाबाश नागपुर!

नागपुर नगरपालिकाने पूर्ण मद्य-निषेधके सवालपर जनमत संग्रह कराकर जनताकी जो सेवा की है उसके लिए वह बधाईकी पात्र है। मतसंग्रहका परिणाम बहुत महत्वपूर्ण है। दो हजार तीन सौ तैंतालीस मतदाताओंने मत दिया। इनमें से दो हजार तीन सौ बत्तीस मतदाताओंने पूर्ण मद्य-निषेधके पक्ष में मत दिया। छः व्यक्तियोंने