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११९. यदि मैं पकड़ा जाऊँ तो ?

मेरे पकड़े जाने की अफवाह उड़ रही है। सभी कहते हैं कि उन्हें निश्चित समाचार मिला है। मद्रासके एक सज्जनने तो यह तार भी दे दिया है कि मैं पकड़ लिया गया हूँ।

लेकिन मैं पकड़ लिया जाऊँ तो इसमें आश्चर्य क्या है? सरकारको मुझे पकड़नेका हक है। जिस अपराधपर अली-भाई और उनके साथी पकड़े गये हैं, वह अपराध तो मैंने भी किया है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि उस अपराधका मूल मैं ही हूँ। मूलको छोड़कर डालियोंको काटनेका क्या अर्थ? लोगोंको यह बात समझानेवाला मैं ही तो हूँ कि सिपाहियोंको खुल्लमखुल्ला यह कहा जा सकता है, "आप इस सरकारकी नौकरी करके पाप कर रहे हैं।" वर्तमान राजतन्त्रका नाश किया जाये यह बात भी मैंने ही कही है। यदि अली-भाई इन्हीं दो आरोपोंमें पकड़े गये हैं तो सरकार मुझे क्यों न पकड़े?

यदि वह मुझे पकड़े तो इसमें नाराजगीकी क्या बात है? सरकारको यह पता कैसे चलेगा कि इस तरह के विचार रखनेवाले लोग मुट्ठी भर हैं या बहुत सारे? जो मनुष्य अपने विचारोंके लिए दुःख सहता है वही उन विचारोंको माननेवाला कहा जा सकता है। मैं अपने विचारोंको सचमुच मानता हूँ या नहीं, सरकार इसकी परीक्षा क्यों न करे?

असहयोगका नियम ही यह है कि या तो सरकार सीधी हो जाती है या असहयोगियोंको जेल भेजती है, उनको पीड़ित करती है और फॉसीपर चढ़ाती है।

यदि लोग सच्चे असहयोगी हैं, वीर हैं और समझदार हैं तो वे मेरे या किसी असहयोगी के जेल जानेसे न तो घबरायें, न मारधाड़ करें और न हड़ताल करें। वे ऐसा समझकर प्रसन्न हों मानो कोई बात ही नहीं हुई है अथवा जैसी आशा थी वैसा ही हुआ है। उन्हें यह समझकर सन्तोष करना चाहिए कि अब हम मंजिलपर जल्दी पहुँच जायेंगे।

जो कोई नाराज होगा अथवा हड़ताल करेगा अथवा खूनखराबी करेगा वह मेरा अपमान करेगा, वह मुझे धोखा देगा और देशसे द्रोह करेगा। यदि ऐसा मनुष्य असहयोगी होनेका दावा करता है तो वह अपनी प्रतिज्ञाका भंग करेगा।

अली-भाइयों के गिरफ्तार होनेपर भारतमें जो शान्ति कायम रही है उसे मैं गौरवप्रद शान्ति मानता हूँ और उसमें अपनी जीत समझता हूँ। मैं यह आशा करता हूँ कि मेरे पकड़े जानेपर वैसी ही या उससे भी ज्यादा शान्ति रखी जायेगी। हमें किसीको मार कर नहीं, बल्कि स्वयं मरकर जीतना है और जीवित रहना है।

मैं चाहता हूँ और आशा रखता हूँ कि मेरे पकड़े जानेका एक ही परिणाम हो अर्थात् जिस बात को समझाने में मुझे अबतक मुश्किल हुई है उस बातको स्त्री-पुरुष मेरे गिरफ्तार होनेसे तुरन्त समझ जायें। जिस कामको करनेमें उन्हें अबतक आलस