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१७७. भाषण: लाहौरके राष्ट्रीय कालेजके दीक्षान्त समारोह में[१]

९ नवम्बर, १९२१

भाषण प्रारम्भ करते हुए उन्होंने कहा कि मुझसे राष्ट्रीय कालेजके विद्यार्थियोंको उपाधि बाँटनेको कहा गया है, यह मेरा सौभाग्य है। मैं विद्यार्थियोंको बधाई देता हूँ, अपनी शुभ कामनाएँ देता हूँ और ईश्वरसे प्रार्थना करता हूँ कि वह उन्हें, आज उन्होंने जो प्रतिज्ञा की है, उसका पालन करनेकी शक्ति दे। आजसे उनके हृदयमें देश-सेवाका फौलादी निश्चय हो। मेरे लिए तो उपाधि स्वीकार करनेका सिर्फ एक ही मतलब है―अर्थात् देशकी स्वतन्त्रताके लिए ठोस काम करनेको तैयार रहनेका संकल्प लेना। सभी राष्ट्रोंका इतिहास इसी मार्गकी ओर इंगित करता है। मैंने तीन बड़ी लड़ाइयाँ देखी हैं और देखा है कि शिक्षाको किस तरह अपने समयके राष्ट्रीय विचारों और आदर्शोंके अनुरूप ढाल लिया जाता है। जब मैं पिछले सितम्बर माहके बारेमें सोचता हूँ, मुझे कोई दुःख नहीं होता। उस समय हमने यह तय किया था कि भावी भारतको कैसी शिक्षा देनी चाहिए। हम जितना चाहते थे, उतनी सफलता नहीं प्राप्त कर पाये हैं। कुछ स्कूलों में विद्यार्थियोंके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है। इसके परिणाम स्वरूप एक विद्यार्थीने मुझको लिखा है कि मैंने तो आत्म-हत्या कर लेनेका निश्चय कर लिया है। ‘यंग इंडिया’ के पाठकोंको यह बात शायद याद होगी। अगर भविष्य में किसी विद्यार्थीके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है तो मुझे आशा है कि वह मुझे इस ढंगका पत्र नहीं लिखेगा। विजगापट्टमसे मुझे एक तार मिला है, जिसमें बताया गया है कि मेडिकल स्कूलके विद्यार्थियोंने अब स्कूल न जानेका निश्चय कर लिया है, क्योंकि उनके प्रिंसिपलने उन्हें खद्दर पहननेके कारण स्कूलसे निकाल दिया था। उत्तरमें उन्हें उनके संकल्पपर बधाइयाँ भेजी हैं। सबसे अच्छा शल्य-चिकित्सक वह है जो अपने देशकी मुक्तिके लिए सबसे अच्छा उपाय करे। हैजे, प्लेग और मलेरियासे हजारों लोग मरते हैं, लेकिन मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है। किन्तु अगर एक व्यक्ति भी गुलामीको जिन्दगी बिता रहा है तो वह मेरे लिए बहुत दुःखकी बात है।

अगर लोग अगले दिसम्बर माहके बाद भी ऐसा महसूस नहीं करने लगते तो मुझे तो लगता है, जैसे में आत्म-हत्या कर लूँगा। किन्तु में ऐसा नहीं करूँगा, क्योंकि

  1. यह समारोह ब्रैडलों हालमें हुआ था और इसकी अध्यक्षता लाला लाजपतरायने की थी। भाषण मूलत: हिन्दीमें दिया गया था किन्तु हिन्दी विवरण उपलब्ध न होनेके कारण अंग्रेजीसे ही अनुवाद करके दिया जा रहा है।