पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/१०५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
७१
सरकार द्वारा प्रतिवाद

 

शोचनीय गलत बयानी

सम्पादक
'यंग इंडिया'
महोदय,
मध्य प्रान्तकी सरकारका ध्यान आपकी उस 'धार्मिक स्वतन्त्रतामें हस्तक्षेप'[१] शीर्षक सम्पादकीय टिप्पणीकी ओर आकर्षित किया गया है, जो आपके पत्रके गत २ फरवरी, १९२२ के अंकमें प्रकाशित हुई थी। सागर जेलके सुपरिटेंडेंटसे पूछताछ करनेपर पता चला है कि आपकी टिप्पणियाँ जिस सूचनापर आधारित हैं उनमें निविवाद साफ दीख पड़नेवाली अनेक गलत बयानियाँ हैं। क्योंकि इन गलत बयानियोंसे जनता में बड़ी बेचैनी पैदा हो रही है, इसलिए मेरी प्रार्थना है कि आप निम्न प्रतिवादको अपने पत्रके निकट भविष्यके किसी अंकमें प्रमुख स्थानपर छापनेकी कृपा करें :
१. पण्डित अर्जुनलाल सेठी सागर जेलमें १९ मई, १९२१ को लाये गये थे। उन्हें १३ जूनको सुतली बटनेका काम दिया गया, जो उन्होंने २४ सितम्बर तक किया। उसी दिन मलेरिया (न्यूमोनिया नहीं) हो जानेके कारण वे जेलके अस्पतालमें दाखिल किये गये। वे अस्पतालमें कोई एक महीने रहे। वहाँ उनका वजन बीमारीके कारण ११ पौंड घट गया था। इस बीच उनका ७ पौंड वजन तो पूरा हो गया है। अस्पतालसे छुट्टी मिलनेकी घड़ीसे वे सुतली बटनेका [हल्का] तीसरे दर्जेंका काम कर रहे हैं। इस तरह में पक्के तौरपर कह सकता हूँ कि उनसे बीमारीके दिनोंमें अनाज पीसने या रस्सी बटनेका काम कभी नहीं करवाया गया। यह कहना कि "इस तरह मजबूर किये जानेपर ही उन्होंने माफीनामा दिया, जिसे उन्होंने होशमें आनेके बाद फौरन ही वापस ले लिया" शरारतसे भरा झूठ है और वास्तवमें नितान्त आधारहीन है। हकीकत यह है कि सरकारने प्रान्तीय विधान परिषद् में २ अगस्त, १९२१ को यह आश्वासन दिया था कि राजद्रोहात्मक भाषणों या इसी तरहके अपराधोंके लिए जिन लोगोंपर मुकदमे चलाये जा रहे हैं या जो जेलमें सजा पा रहे हैं, वे यदि कोई माफीनामा देंगे तो उसपर सहानुभूतिके साथ विचार किया जायेगा। इस आश्वासनको ध्यान में रखते हुए जेलोंके सुपरिंटेंडेंटोंको यह लिखा गया था कि उनके संरक्षणमें जो राजनीतिक कैदी हैं वे उन्हें सरकार के इस विचारसे अवगत कर दें। तदनुसार सितम्बर १९२१ के मध्य में या उसके आसपास सागर जेलके सुपरिंटेंडेंटने पंडित अर्जुनलाल सेठीको सरकारके इस विचारकी सूचना दी। उन्होंने २ नवम्बर, १९२१ को सुपरिंटेंडेंट के आगे माफी
  1. देखिए खण्ड २२, पृष्ठ ३२४-३२५।