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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
गहरी ठेस भी लगी है। यहाँतक कि इस जगहके मुसलमानोंने पिछले शुक्रवारको मस्जिद में एक सभा भी की और उसमें कुरान शरीफको पैरसे ठुकराकर और धार्मिक स्वाध्यायमें लोन मौलवी साहबके साथ पाशविक व्यवहार करके जेलरने जो धर्मविरोधी कार्य किया है उसके प्रति विरोध प्रकट किया।
१८–२–२२को हजारीबागके डिप्टी मजिस्ट्रेट श्री ए॰ डब्ल्यू॰ जोन्स, सुपरिटेंडेंट और जेलरके साथ, जेलके अस्पतालमें गये, और वहाँ उन्होंने उक्त मौलवी साहब, असहयोगी राजनीतिक कैदी बाबू रामनारायणसिंह, बी॰ एल॰ और बाबू चित्तरंजन गुहा ठाकुरता और मौ॰ मुहम्मद फसीउद्दीन नामक कैदियोंसे पूछताछ की। उन सबने इस बातकी पुष्टि की कि जेलरने कुरान शरीफ पैरसे ठुकराई थी। उसके बाद डाक्टर, बाबू और हेडवार्डर से पूछताछ की गई। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारेमें कुछ मालूम नहीं है। इसके बाद सुपरिटेंडेंटने उक्त मौलवी अबुतोराब, बी॰ एल॰, बाबू चित्तरंजन गुहा ठाकुरता और मुहम्मद फसीउद्दीनको १५-१५ बेंत लगानेका हुक्म दिया। उन लोगोंको बेंते लगानेकी जगह ले जाया गया और उक्त मौलवी अबुतोराब, बी॰ एल॰ को टिकटीसे बाँध दिया गया। पर डिप्टी मजिस्ट्रेट श्री वार्डी जोन्सने कुछ देर रुकनेको कहा, क्योंकि उन्होंने अर्दलीसे तहकीकात नहीं की थी। तब अर्दली वार्डर रामसागर रामसे पूछा गया। उसने इस बातकी पुष्टि की कि जेलरने कुरानशरीफ पैरसे ठुकराई थी। इसपर डिप्टी मजिस्ट्रेटने बेतें लगाना रोक दिया।
२३–२–१९२२को हजारीबागके डिप्टी कमिश्नर केन्द्रीय जेल में गये और उन्होंने उक्त वार्डरको बर्खास्त कर दिया ।
भवदीय,
रामेश्वर प्रसाद
मन्त्री,
जिला कांग्रेस कमेटी
हजारीबाग,
२७–२–१९२२

यदि संवाददाताने जो कुछ लिखा है वह सही है तो यह इस बातका सूचक है। कि लोगोंकी अति महत्त्वपूर्ण धार्मिक भावनाओंतक की शोचनीय अवहेलना की जा रही है।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, १६–३–१९२२