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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
उतना रुपया दे जितना प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी मजदूरोंके मदरसोंके लिए मंजूर करे। मजदूर संघ मिल मालिकोंकी कोष समितिको खर्चका पूरा ब्योरा भेजते रहेंगे और कोष समितिसे रकम लेते रहेंगे।
यह मामला तय हो जानेके बाद श्री गोरधनदास पटेलने गांधीजीसे कुछ प्रश्न किये।

प्रश्न : यदि आपको सजा हो जाती है तो क्या इससे असहयोग आन्दोलनको धक्का पहुँचेगा?

उ॰ : "यदि" शब्द अनुपयुक्त है। दण्ड जितना ही कठोर होगा असहयोग आन्दोलन उतना ही मजबूत होगा। मेरा यह दृढ़ विश्वास है।

यदि आपको सजा हो जानेके बाद सरकार दमनकी कड़ी कार्रवाई करे तो क्या कोई जिला या परगना सामूहिक सविनय अवज्ञा शुरू कर सकता है?

कदापि नहीं। मैं यह निश्चित सलाह देता हूँ कि सरकार दमनकी चाहे जितनी कड़ी कार्रवाई करे लोगोंको किसी भी अवस्था में किसी भी तरहकी सामूहिक सविनय अवज्ञा न करनी चाहिए।

अब देशका अगला कदम क्या होना चाहिए?

देशका सबसे पहला कर्त्तव्य अहिंसाका पूर्ण रूपसे पालन करना है। लोगोंके विभिन्न वर्गोंमें आपसी दुर्भाव और घृणाकी जड़ें इतनी मजबूत हो गई हैं कि उन्हें नष्ट करनेकी दिशामें निरन्तर प्रयत्न करना निहायत जरूरी है। इस काममें असहयोगियों को आगे आना चाहिए; क्योंकि वे लोग खासी बड़ी संख्या में हैं। असहयोगियोंमें सहिष्णुता, सौजन्य और क्षमाशीलताकी बहुत कमी है। मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि विजय प्राप्ति में जो विलम्ब हो रहा है उसका एकमात्र कारण यही है। मेरा यह भी दृढ़ मत है कि वांछित शान्ति, सौजन्य और अन्य गुणोंको प्राप्त करनेका अत्यन्त सशक्त शस्त्र चरखा है। इसलिए लोगोंसे मेरा कहना केवल इतना ही है कि वे तुरन्त ही चरखा चलाने और उसके कते सूतसे खद्दर तैयार करनेमें जुट जायें। हम ज्यों ही विलायती कपड़े का पूरा बहिष्कार कर लेंगे और हाथके कते सूतसे हाथकरघे-पर बुने खद्दरका व्यवहार करने लगेंगे त्यों ही स्वराज्य प्राप्त हो जायेगा। उसके परिणामस्वरूप जेलोंके फाटक अपने-आप खुल जायेंगे और मैं तथा मेरे सहयोगी रिहा कर दिये जायेंगे। मैं उत्सुकतासे उस शुभ अवसरकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ।

अली-भाइयोंके खिलाफ सर विलियम विन्सेंटने[१] जो विचार व्यक्त किये हैं उनके बारेमें आपकी क्या राय है?

उनमें कोई नई बात तो है नहीं। अली-भाई जिस बातको सत्य मानते हैं उसे उन्होंने स्पष्ट शब्दोंमें कहा है और उनका सबसे बड़ा अपराध यही माना जाता है। मैं भी तो उसी प्रकारके अपराध कर रहा हूँ। मैं इसी कारण इन दोनों भाइयोंको अपना सगा भाई मानता हूँ।

  1. वाइसरायकी कार्यकारिणी कौंसिलके सदस्य।