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जेल डायरी, १९२२

१ अक्तूबर, रविवार

'गिबन', भाग—४' तथा 'उद्योगपर्व' शुरू किया।

३ अक्तूबर, मंगलवार

'गैलिलियन' समाप्त की।

६ अक्तूबर, शुक्रवार

बा, जमनालालजी, रामदास, पुंजाभाई तथा किशोरलाल बुधवारको मिलने आये। रामदासके विषयमें कल जमनालालजीको एक पत्र[१] लिखा। आज सुपरिंटेंडेंटको गनी[२] और अखबारोंके[३] सम्बन्धमें पत्र<refउपलब्ध नहीं।></ref> लिखा। 'फाइलो क्रिस्टस' तथा उर्दूकी चौथी[४] पुस्तक पढ़नी शुरू की।

१५ अक्तूबर, रविवार

'उद्योगपर्व' समाप्त किया।

१६ अक्तूबर, सोमवार

'भीष्मपर्व ' शुरू किया।

१८ अक्तूबर बुधवार

'सत्यार्थप्रकाश' समाप्त किया।

२२ अक्तूबर, रविवार

'भीष्मपर्व' और 'फाइलो क्रिस्टस' समाप्त किया। 'गिवन' समाप्त किया। 'द्रोणपर्व' तथा 'प्रेम मित्र'

२३ अक्तूबर, सोमवार

'ज्ञानेश्वरी' समाप्त की

२४ अक्तूबर, मंगलवार

पढ़ना शुरू किया। 'प्रेम मित्र' समाप्त किया।

२५ अक्तूबर बुधवा

'षड्दर्शन समुच्चय' तथा 'दि गोस्पेल एन्ड दि प्लॉउ' पढ़ना शुरू किया। नाथुराम शर्मा कृत 'गीता' की टीका पढ़नी शुरू की।

  1. देखिए "पत्र : जमनालाल बजाजको", ५-१०-१९२२।
  2. अब्दुल गनी, यरवदा जेलमें गांधीजीके एक साथी कैदी
  3. राजनैतिक कैदियोंको अखबार और पत्रिकाएँ मँगानेकी मनाई कर दी गई थी। गांधीजीने टाइम्स ऑफ इंडिया वीकली, इंडियन सोशल रिफॉर्मर, सवेंट ऑफ इंडिया, मॉडर्न रिव्यू, इंडियन रिव्यू आदि पत्रोंमें से कोई एक पत्र मँगानेकी प्रार्थना की थी।
  4. यह दूसरी होनी चाहिए।