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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


(८) कृष्णदास छगनलाल गांधी, संख्या (१) का पुत्र, आयु लगभग १२ वर्ष।

(९) श्रीमती गांधी।

ये सब मेरे साथ सत्याग्रह आश्रम में रहते हैं। इनमें से संख्या ५, ६ और ७ को छोड़कर शेष मेरे सम्बन्धी हैं।

मैं ५ से अधिक नाम इसलिए दे रहा हूँ कि लक्ष्मीके साथ ५ व्यक्तियोंका आना निश्चित हो जाये। सादर निवेदन है कि मुझे इसका उत्तर जल्दी दे दिया जाये, क्योंकि मैं श्री छगनलाल गांधी, उनकी पत्नी और मोती नामक लड़कीसे मिलने के लिए उत्सुक हूँ। ये सभी कुछ समय से बीमार हैं।

आपका आज्ञाकारी

अंग्रेजी मसविदे (एस॰ एन॰ ८०२७) की फोटो-नकलसे।

 

८२. पत्र : यरवदा जेलके सुपरिंटेंडेंटको

यरवदा सेन्ट्रल जेल
१ मई, १९२३

सुपरिटेंडेंट
यरवदा सेन्ट्रल जेल
महोदय,

आपने मुझे वह विनियम दिखाने की कृपा की है जिसके अनुसार कुछ सादी सजावाले कैदी विशेष वर्ग में रखे गये हैं और बताया है कि मैं भी उसीमें रखा गया हूँ। मेरा खयाल है कि यहाँ सर्वश्री कौजलगी, जयरामदास और भणसाली[१] जैसे सख्त सजा प्राप्त कैदी हैं, जिनका अपराध मेरे ही जितना है और जिनका दर्जा बाहर शायद मुझसे भी ऊँचा रहा है तथा अवश्य ही जिन्होंने बरसोंतक मेरी अपेक्षा अधिक आराम की जिन्दगी बसर की है। इसलिए जब ऐसे कैदियोंको विशेष वर्गके बाहर रखा गया है, तब मैं लाभ उठाने की इच्छा रखते हुए भी उक्त कुछ विनियमोंका उपभोग नहीं कर सकता। इसलिए यदि इस विशेष वर्गसे मेरा नाम निकाल दिया जाये तो मुझे बड़ी खुशी होगी।

भवदीय,
मो॰ क॰ गांधी
नं॰ ८२७

अंग्रेजी मसविदे (एस॰ एन॰ ८०२८) की फोटो नकल तथा यंग इंडिया, ६-३-१९२४ से।

  1. जयकृष्ण भणसाली; मार्च १९२२ में गांधीजीकी गिरफ्तारोके बाद यंग इंडियाके मुद्रक; उसके बाद शीघ्र ही गिरफ्तार और यरवदा जेलमें गांधीजीके साथ बन्दी