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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कठिन होती है। आप खाने-पीनेमें सावधानी तो रखना ही। अभी तो तरल आहार ही लें। रोटी और अन्य ठोस भोजन धीरे-धीरे आरम्भ करें। मुझे यह विश्वास है ही कि आप लोगोंसे व्यवहार करनेमें धीरजसे काम लेंगे। फिर भी पहले कठिनाइयाँ आयी हैं इसलिए फिर चेतावनी देता हूँ। उपवास समाप्त होनेपर मन चंचल हो जाता है, इसलिए उसे वशमें रखने में कठिनाई होती है। अधिक, आनेपर।

बापूके आशीर्वाद

मूल गुजराती पत्र (एस॰ एन॰ ९०४५) की फोटो नकलसे।
 

११५. तार : डा॰ सत्यपालको[१]

[२३ फरवरी, १९२४ या उसके पश्चात् ]

डा० सत्यपाल[२]

खबरसेपरेशान। बीमारी के कारण पूरी जाँच करनेमें लाचार और इसके बिना सलाह देने में असमर्थ होनेसे और भी ज्यादा परेशान।

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ९९१६) की फोटो-नकलसे।

११६. तार : मुहम्मद अलीको[३]

[पूना
२४ फरवरी, १९२४ या उसके पश्चात् ]

समिति के मार्गदर्शन के लिए पर्याप्त जानकारी अथवा योग्यता नहीं।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८३७१) की फोटो नकलसे।
  1. यह डा॰ सत्यपालके २३ फरवरी, १९२४ को प्राप्त निम्न तारके उत्तर में भेजा गया था : "जैतोंमें स्थिति गम्भीर। जत्थेपर गोलियाँ। किचलू और गिडवानी गिरफ्तार। कई मरे। बहुतसे घायल। ठीक संख्या अज्ञात। संवाददाताओंको अनुमति नहीं दी गई। कांग्रेस कमेटी द्वारा घायल सहायता दल प्रेषित। उन्हें काम नहीं करने दिया गया। कार्य समितिका दूसरा जत्था भेजनेका प्रस्ताव स्वीकृत। नाभाके प्रधान प्रशासकको तार भेजा कि पीड़ितोंकी सहायतार्थं दलको जाने दें। शिरोमणि समितिको यथासम्भव सहायताका आश्वासन। तार द्वारा निर्देश दें।" इसी तारीखको एक पत्र भी भेजा गया था; देखिए परिशिष्ट
  2. पंजाबके कांग्रेस नेता। वे १० अप्रैल, १९१९ को निर्वासित किये गये थे।
  3. यह मुहम्मद अलीके २४ फरवरी, १९२४ के इस तारके उत्तर में भेजा गया था : आवश्यक समझे तो हालमें उत्पन्न स्थितिपर दिल्ली में २६ को होनेवाली कार्य समितिको तारसे सन्देश तथा आदेश दें।" (एस॰ एन॰ ८३७१)।