पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/२९१

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१४२. तार : घनश्याम जेठानन्दको[१]

[१० मार्च, १९२४ या उसके पश्चात्]

कृपया स्वर्गीय श्री भरग्रीके[२] परिवारके प्रति मेरी ओरसे सादर समवेदना व्यक्त करें। उनकी मृत्युसे भारतका एक सच्चा देशभक्त चला गया।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८४६६) की फोटो-नकलसे।
 

१४३. घनश्यामदास बिड़लाको लिखे पत्रका अंश[३]

[११ मार्च, १९२४ के पश्चात्][४]

शरीरको अच्छा रखो। तब तो मैं काफी काम ले लूँगा और कुछ दूँगा।

कमसे-कम पन्दरह दिन दूधकी आवश्यकता लगे तो अवश्य पीओ। फल खाओ रोटी नुकसान करेगी। दही अवश्य लेना।

उच्चार तो खराब हैं लेकिन इसका ख्याल मत करो। हमारी भाषा इंग्रेजी नहि है। फ्रेंचके उच्चार बहोत खराब हैं उसकी कोई इंग्रेज शिकायत नहि करता है।

मूल पत्र (सी॰ डब्ल्यू॰ ५९९९) से।
सौजन्य : घ॰ दा॰ बिड़ला
  1. घनश्याम जेठानन्दने १० मार्च, १९२४ को जयरामदास दौलतरामके नाम तार द्वारा मुरग्रीके निधनको सूचना दी थी।
  2. सिन्धके एक प्रसिद्ध राष्ट्रवादी मुसलमान नेता गुलाम मुहम्मद मुरग्री।
  3. घनश्यामदास बिड़ला, प्रसिद्ध उद्योगपति जिन्होंने गांधीजी की समाज कल्याण सम्बन्धी योजनाओं में समय-समयपर आर्थिक सहायता दी।
  4. इस पत्रकी सही तारीख ज्ञात नहीं है। यह पत्रांश जिस क्रममें मिला है उसके आधारपर माना जा सकता है कि यह जुहूसे लिखा गया होगा।