पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/३२७

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१७५. पत्र : फ्रेंक पी॰ स्मिथको[१]

पोस्ट अन्धेरी
१८ मार्च, १९२४

प्रिय मित्र,

आपके ५ फरवरी के पत्र तथा आपकी प्रशस्तिके लिए धन्यवाद।

हृदयसे आपका,

श्री फेंक पी॰ स्मिथ
सर्वश्री थॉम्पसन और स्मिथ
लॉयर्स
सापुल्पा, ओकला
यू॰ एस॰ ए॰

अंग्रेजी प्रति (सी॰ डब्ल्यू॰ ५११९) से।
 

१७६. पत्र : हॉवर्ड एस॰ रॉसको

पोस्ट अन्धेरी
१८ मार्च, १९२४

प्रिय मित्र,

आपके १५ फरवरी के पत्रके[२] लिए धन्यवाद।

  1. ऑक्लेदोमा, संयुक्त राज्य अमेरिकाके वकीलोंकी एक फर्मके सदस्य फ्रैंक स्मिथने लिखा था : संसारके सभी राजनीतिझोंको में ईसाई दृष्टिकोणसे देखकर और उनमें आपको सर्वोपरि मानकर आपका अभिनन्दन करता हूँ। ईश्वरके ज्ञानमय होनेका महान् सिद्धान्त जो प्रत्येक स्थानपर अपनी पूर्ण शक्तिके साथ अपने अनन्त उद्देश्योंकी ओर आगे बढ़ता जा रहा है, पह बतायेगा कि मेरी आपके प्रति कितनी श्रद्धा है। आपकी ही सर्वप्रथम नोति है जो भौतिकताकी अपेक्षा आध्यात्मिकताको और शारीरिक बलकी अपेक्षा प्रेमको तरजीह देती है। चिरस्थायी विश्वशान्तिके आपके दृष्टान्तका हम भली-भाँति अनुसरण कर सकते हैं।" (एस॰ एन॰ ८२३४)।
  2. इस पत्र में उस योजनाका उल्लेख है जिसके अन्तर्गत 'रिजल्ट यूनिट' को 'वर्क यूनिट' में परिवर्तित कर दिया गया था। पत्रका दावा था कि श्रमिकोंसे सम्बन्धित सारी अशान्तिका यही कारण है। रॉसने आन्दोलनके मुखपत्र इक्विटिस्टकी एक प्रति भी गांधीजी को भेजी थी। (एस॰ एन॰ ८३३६)

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