पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/३७५

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२२१. पत्र : गंगाधरराव देशपाण्डेको

पोस्ट अन्धेरी
२७ मार्च, १९२४

प्रिय गंगाधरराव,

मैंने 'मराठा' के एक अनुच्छेदमें यह पढ़ा है कि कर्नाटक प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीने जिस प्रस्ताव द्वारा कांग्रेस अधिवेशनका स्थान बेलगाँवमें नियत किया है, उसपर मंगलौर के लोग अभीतक आपत्ति कर रहे हैं। क्या यह बात सच है? यदि सच है तो कृपा कर मुझे इस सम्बन्धमें कुछ ब्योरा भेजें और यह भी बतायें कि क्या मैं किसी प्रकारकी सहायता कर सकता हूँ। जो लोग कमेटीके निर्णयको बदलवानेके लिए आन्दोलन कर रहे हैं, आप उनके नाम भी भेज दें तो अच्छा रहे।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत गंगाधरराव बी॰ देशपाण्डे
बेलगाँव

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८५९०) की फोटो-नकल तथा सी॰ डब्ल्यू॰ ५१५८ से।
 

२२२. टी॰ ए॰ सुब्रह्मण्य आचार्यको

प्रिय सुब्रह्मण्य,

पोस्ट अन्धेरी
२७ मार्च, १९२४

मुझे आपका डर्बनसे लिखा पत्र पाकर प्रसन्नता हुई।

आपकी शुभ कामना और मेरे स्वास्थ्यके सम्बन्धमें पूछताछ के लिए धन्यवाद। मैं धीरे-धीरे किन्तु लगातार पूर्ण स्वास्थ्यकी ओर प्रगति कर रहा हूँ। आप अपने देशकी सेवा करनेमें असमर्थ हैं, इसके लिए आपको दुःखी होनेकी आवश्यकता नहीं। मैं आपसे यह नहीं कह सकता कि आप वहाँ सूत कातें। किन्तु वहाँ भी जहाँ तक सम्भव हो खद्दरका प्रयोग कर ही सकते हैं। और अपनी कमाईमें से जितना बचा सकें उतना देशमें संघर्ष चलानेके लिए आप सार्वजनिक कोषोंमें दे सकते हैं।

हृदयसे आपका,

श्री टी॰ ए॰ सुब्रह्मण्य आचार्य
१७५, उमगेनी रोड
डर्बन

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८५९१) की फोटो-नकलसे।

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