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पत्र : ई॰ आर॰ मेननको

हैं। यह स्थान इतना भर गया है कि यदि तुम्हारी पत्नी यहाँ आनेके लिए तैयार भी हो जाये तो मुझे लगता है कि उन्हें यहाँ आराम न मिलेगा। इस समय यहाँ राधा, मणिबहन, कीकी बहन और प्रभुदास हैं; पाँचवाँ मैं स्वयं। मैं जब पूनामें था, तभी मैंने पगले मजलीको यहाँ आनेके लिए निमन्त्रित किया था। यदि वह किसी तरह भी यहाँ आने लायक स्थितिमें हो तो उसे यहाँ भेजा जा सकता है। क्या तुम अपनी पत्नीको बड़ौदाके राजकीय अस्पतालमें डा॰ जीवराज मेहताके इलाजमें रखनेको तैयार हो? मैं चाहता हूँ कि तुम इस प्रस्तावपर अपनी पत्नीसे सलाह करो और स्वयं भी गम्भीरता से विचार करो। डा॰ मेहता तपेदिकके विशेषज्ञ हैं। बड़ौदाके राजकीय अस्पतालमें इन्तजाम कैसा है, इस बारेमें मैं खुद कुछ नहीं जानता; किन्तु यदि श्रीमती जोजेफ डा॰ मेहताकी देखरेख में रहनेको राजी हों जायें तो मैं तुरन्त जान- कारी प्राप्त कर लूंगा।

तुम दोनोंको प्यार,

हृदयसे तुम्हारा,

श्रीयुत जॉर्ज जोजेफ
चेंगनूर
त्रावणकोर

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८५९४) की फोटो नकल तथा सी॰ डब्ल्यू॰ ५१५५ से।
 

२२५. पत्र : ई॰ आर॰ मेननको

पोस्ट अन्धेरी
२७ मार्च, १९२४

प्रिय श्री मेनन,

श्री एन्ड्रयूजने मुझे आपका पत्र दिया कि मैं उत्तर दे दूँ। मैंने वह पत्र श्री जॉर्ज जोजेफको भेज दिया है।[१] मुझे सविनय अवज्ञाकी धमकीके सम्बन्धमें कोई जानकारी नहीं है। जबतक मुझे वास्तविक तथ्य मालूम न हों, तबतक मेरे लिए कोई राय देना बहुत कठिन है। सामान्यतः यह बात बिलकुल सच है कि मैं देशी राज्योंमें सविनय अवज्ञा आरम्भ करनेके विरुद्ध रहा हूँ।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत ई॰ आर॰ मेनन
मार्फत 'इंडियन सोशल रिफॉर्मर'
एम्पायर बिल्डिंग, हार्नबी रोड
बम्बई

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८५९२) की फोटो-नकल तथा सी॰ डब्ल्यू॰ ५१५२ से।
  1. देखिए पिछला शीर्षक।