पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/३८८

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२३८. पत्र : जगदीशचन्द्र बसुको

पोस्ट अन्धेरी
२८ मार्च, १९२४

प्रिय सर जगदीशचन्द्र बसु,[१]

५ तारीख के पत्रके[२] लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।

यदि आप वापसीपर मोटरसे जुहू आनेका समय निकाल सकें तो सचमुच मुझे आपसे तथा श्रीमती बसुसे मिलकर खुशी होगी। जुहु अन्धेरीके समीप एक रमणीय विश्रामस्थल है।

हृदयसे आपका,

सर जगदीशचन्द्र बसु
द्वारा वी॰ एन॰ चन्दावरकर महोदय
पेडर रोड, खम्बाला हिल
बम्बई

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८६१९) की फोटो-नकल तथा सी॰ डब्ल्यू॰ ५१६२ से।
 

२३९. पत्र : रामानन्द संन्यासीको

पोस्ट अन्धेरी
२८ मार्च, १९२४

प्रिय रामानन्द संन्यासी,

मुझे आपका २३ तारीखका पत्र मिला, धन्यवाद।
पूरी बातें जाने बिना आपको सलाह देना मेरे लिए कठिन है :
(१) क्या भरती अभी शुरू हुई है, और यदि हुई है तो किस तारीख से?
(२) क्या इसके पहले भरती नहीं हुई?
  1. जगदीशचन्द्र बसु (१८५८-१९३७), विख्यात भौतिकशास्त्री, वनस्पतिशास्त्री और लेखक; कलकत्तामें 'बोस रिसर्च इंस्टीट्यूट' के संस्थापक।
  2. इस पत्रमें बसुने लन्दनसे लिखा था : "आपकी गम्भीर बीमारीकी खबर सुनकर हमें बहुत चिन्ता हुई। आप धीरे-धीरे स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं इस ख़बरसे कुछ राहत मिली। ईश्वर करे कि समस्त संसार में न्याप धर्मको सेवाके लिए आप चिरायु हों। इम १६ अप्रैलके आसपास बम्बई लौटेंगे और ३-४ दिन बाद कलकत्ताके लिए रवाना होंगे। यदि उस समय आप बम्बईके समीप ही हों तो मैं आपसे मिलना चाहूँगा। मेरा पता होगा द्वारा श्री चन्दावरकर (स्वर्गीय जस्टिस चन्दावरकरके पुत्र)। समस्त शुभकामनाओं सहित।" एस॰ एन॰ ८४४६