महीने किसी दिन आनेका एक आम निमन्त्रण जारी कर दूँ। कृपया इस विषयपर तार द्वारा अपनी राय दें और सुविधाजनक तारीख के बारेमें भी मुझे लिखें।
हृदयसे आपका,
हैदराबाद (सिन्ध)
- अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८६५३) की फोटो-नकलसे।
२६६. पत्र : आर॰ बी॰ पालकरको
पोस्ट अन्धेरी
४ अप्रैल, १९२४
मैं आपको इससे पूर्व पत्र नहीं लिख सका, इसके लिए आप मुझे क्षमा करेंगे। मैं कहना चाहता था कि जबतक मैं सैसून अस्पताल में रहा आपने मेरे साथ हमेशा कितना अच्छा और दयालुतापूर्ण व्यवहार किया। आपका काम अत्यन्त कठिन था। और यद्यपि मेरा आपसे प्रत्यक्ष सम्पर्क बहुत ही कम हुआ, फिर भी मैं इस बातकी जानकारी रखता रहा कि आप स्वेच्छापूर्वक लिये गये अपने सेवाकार्यको कितनी निष्ठा और लगनसे निभाते रहे हैं। मिलनेको उत्सुक और अधीर आगन्तुकोंको वापस लौटाना या उन्हें इन्तजार करने देना एक ऐसा काम था, जिसे कमसे कम कहा जाये तो भी श्रेयहीन कर्त्तव्य ही कहना पड़ेगा। मैं जब अस्पतालमें बीमार पड़ा था, उस समय कई मित्रोंने कृपापूर्वक मेरी सेवा की। उस सेवाकी सुखद स्मृतियाँ मुझे हमेशा याद आती रहेंगी। उसमें आपकी यादका स्थान आगेकी पंक्ति में ही रहेगा।
हृदयसे आपका,
भारत स्वराज्य सेवक
बालाजी व्यापारी संघके पास
- अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८६५४) से।