पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/४२९

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२७९. पत्र : गंगाधरराव देशपाण्डेको

पोस्ट अन्धेरी
५ अप्रैल, १९२४

प्रिय गंगाधरराव,

३१ मार्चका पत्र मिल गया था। देखने में आज ही आया। चूँकि ताजे समाचारोंसे अवगत नहीं हूँ इसलिए मैं 'यंग इंडिया' में उसकी बाबत कुछ नहीं लिख रहा हूँ। परन्तु मैं सदाशिवरावको[१] एक पत्र भेज रहा हूँ। उसकी नकल[२] संलग्न है।

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

संलग्न:
श्रीयुत गंगाधरराव बी॰ देशपाण्डे
बेलगाँव

अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ ८६७०) की फोटो-नकलसे।
 

२८०. पत्र : डी॰ हनुमन्तरावको

पोस्ट अन्धेरी
५ अप्रैल, १९२४

प्रिय हनुमन्तराव,

आपका पत्र मिला। उसकी लम्बाईके लिए क्षमा माँगनेकी आवश्यकता नहीं है। पत्र बहुत रोचक है और उससे प्रकट होता है कि आप आश्रम तथा प्राकृतिक चिकित्सा के सम्बन्धमें कितनी दिलचस्पी ले रहे हैं। मुश्किल यह है कि मैं मूंगफली या बादाम से तैयार किया हुआ पेय हजम नहीं कर पाता। मुझे जो जोरकी संग्रहणी हुई थी, उससे छुटकारा पानेपर विश्रामके दिनोंमें मैंने इस पेयका प्रयोग करके देखा था। एक बार फिर आजमाकर देखना चाहता हूँ, परन्तु फिलहाल अपने भोजनके सम्बन्धमें मैं कोई ऐसा प्रयोग नहीं करना चाहता जिससे नुकसानकी सम्भावना हो। आपने

  1. करनाङ सदाशिवराव (१८८१-१९३७); वकील, सामाजिक कार्यकर्त्ता तथा कांग्रेसी नेता। कर्नाटक प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीके चार बार अध्यक्ष।
  2. उपलब्ध नहीं है।