पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/४३१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

२८२. पत्र : गॉर्डन लॉको

पोस्ट अन्धेरी
५ अप्रैल, १९२४

प्रिय श्री गॉर्डन लॉ,

२७ फरवरीके पत्रके लिए धन्यवाद।

मुझे स्मरण है कि मेरी आपकी भेंट[१] एक बार हो चुकी है; यह भी याद है कि आपने 'न्यू टेस्टामेंट' (इंजील) के मोफेट कृत अनुवादकी एक प्रति भी मुझे दी थी।[२] मैं गांधी क्लबको भी उत्तर भेज चुका हूँ।

आपकी शुभकामनाओंके लिए मैं आपका आभारी हूँ।

मैं 'यंग इंडिया' की एक प्रति भेज रहा हूँ। यह उसका सम्पादन भार पुनः सँभालानेके बादका पहला अंक है। मैं प्रबन्ध विभागको सूचित कर रहा हूँ कि वह आपको नियमित रूपसे अंक भेजता रहे।

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

श्री गॉर्डन लॉ, एम॰ बी॰ ई॰
गांधी क्लब
वाई॰ एम॰ सी॰ ए॰
न्यूबर्ग,
न्यूयार्क, यू॰ एस॰ ए॰

अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ ८६७२) की फोटो-नकलसे।
  1. १९२० में, लाहौर में।
  2. इन्होंने गांधीजीको एक अमेरिकी लेखक द्वारा बालकोंके सम्बन्धमें लिखी हुई पुस्तककी एक प्रति भेंट की थी।