पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/५१२

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३४५. पत्र : मु॰ रा॰ जयकरको

[१५ अप्रैल, १९२४ के पश्चात्][१]

आप रामदासकी जो देख-भाल कर रहे हैं, उसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूँ। मेरा खयाल है कि आजकल आपके द्वारा नियमित रूपसे जो प्रशिक्षण मिल रहा है, उससे उसे लाभ पहुँचेगा और उसके चित्तमें स्थिरता आयेगी।

आशा है, चीरा लग जाने के उपरान्त अब आपकी माताजीके स्वास्थ्यमें निरन्तर सुधार हो रहा होगा। मेरा उनसे सादर प्रणाम कहें।

[अंग्रेजीसे]
स्टोरी ऑफ माई लाइफ
 

३४६. तार डा॰ मु॰ अ॰ अन्सारीको[२]

[१६ अप्रैल, १९२४ या उसके पश्चात्]

ईश्वरको धन्यवाद आशा है सुधार जारी रहेगा।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८७३२) की फोटो-नकलसे।
 

३४७. तार कालीचरणको[३]

[१६ अप्रैल, १९२४ या उसके पश्चात्]

खेद है स्वास्थ्य ऐसा नहीं कि सभापतिका कर्त्तव्य निबाह सकूँ या सम्मेलन में आ सकूँ।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८७३३) की फोटो-नकलसे।
  1. रामदासके गायन-विद्या सीखनेके सन्दर्भसे प्रतीत होता है कि यह "पत्र : गंगाबहन मेघजीको", १५-४-१९२४ के बाद ही लिखा गया होगा।
  2. यह तार डा॰ अन्सारीके १५ अप्रैल, १९२४ के निम्नलिखित तारके उत्तरमें भेजा गया था :
    "कल लगभग पूरे दिन शौकतका ज्वर सामान्य रहा। आज भी वैसा ही है। डा॰ मेहताको कष्ट न दीजिए। मुहम्मद अली कल रातको बम्बईके लिए रवाना हो गये।" यह गांधीजीको १६ अप्रैलको मिला था।
  3. १६ अप्रैल, १९२४ को कालीचरणने गांधीजीसे तार द्वारा निवेदन किया था कि ३१ मई और १ जूनको गोंदिया में होनेवाले अखिल भारतीय दलित वर्ग गोलमेज सम्मेलनकी अध्यक्षता करें और हमारे सारे मामलोंको सदा के लिए निबटा दें। उक्त तार इसीके उत्तरमें भेजा गया था।