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३५१. टिप्पणियाँ
मौ॰ शौकतअलीकी बीमारी

पाठकोंको यह जानकर दुःख होगा कि मौ॰ शौकतअली जो कुछ समयसे बीमार हैं और जिनका इलाज डा॰ अन्सारीके यहाँ उन्हींके निवास स्थानपर हो रहा है, आशा के अनुरूप प्रगति नहीं कर रहे हैं। मौ॰ मुहम्मद अली और डा॰ अन्सारी दोनोंके पत्र मुझे हाल ही में मिले हैं। वे लिखते हैं कि रोगीको बड़ी कमजोरी महसूस हो रही है और उनकी सेवा-शुश्रूषामें बहुत सावधानीकी जरूरत है। पाठकोंसे मेरा अनुरोध है कि वे मेरे साथ ईश्वरसे यह प्रार्थना करें कि हमारा यह विख्यात देशभाई शीघ्र पूर्ण रूपसे स्वस्थ हो जाये।

नेताओंके साथ बातचीत

स्वराज्यवादी नेताओं और मेरे बीच जो बातचीत हुई है उसके बारेमें अखबारोंमें तरह-तरह की बातें छपी हैं। मैं चाहता हूँ कि पाठक ऐसी खबरोंको बिल्कुल कच्ची मानें और उनपर ध्यान न दें। अबतक जो चर्चा हुई है उससे हम लोग किसी निर्णयपर नहीं पहुँच पाये हैं। श्री चित्तरंजन दास तो अभीतक इस चर्चा में शामिल ही नहीं हो सके हैं। डाक्टरोंने उन्हें बहुत समयतक विश्राम करनेकी सलाह दी है। इसलिए शायद वे आ ही न सकें। कुछ भी हो, जबतक श्री दास तथा दूसरे मित्रोंके विचार मालूम न हों, तबतक इस विषयमें कोई बयान दिया भी नहीं जा सकता।

मुझे मालूम हुआ है कि इस बातचीत के कारण जो अनिश्चितताकी स्थिति उत्पन्न हो गई है उससे और अखबारोंकी गैर-जिम्मेवार हरकतोंसे जो झमेला पैदा हो गया है उसके फलस्वरूप शैथिल्य और नैराश्य छा गया है। कार्यकर्त्ताओंसे मेरा यही कहना है कि वे इस बातचीत के नतीजेकी चिन्तामें अपना वक्त न गँवायें। मैं हर कार्यकर्त्ताको इस बातका यकीन दिलाता हूँ कि इस बातकी रत्ती भर भी सम्भावना नहीं है कि मैं रचनात्मक कार्यक्रमको बदलने की जरा भी हिमायत करूँगा। अतएव जो लोग रचनात्मक कार्य करनेमें ढील डालेंगे वे बड़ी भूल करेंगे और उस हदतक रचनात्मक कार्योंकी प्रगतिको हानि पहुँचायेंगे। यह तो एक ऐसा काम है जिसमें जितने कार्यकर्त्ता और जितना समय मिल सकता हो, लगा दिया जाना चाहिए।

कार्यकर्त्ताओंके प्रति

एक मित्र यह सुझाव दे रहे हैं कि जिस प्रकार में अभी नेताओंके साथ सलाह मशविरा कर रहा हूँ उसी प्रकार कार्यकर्त्ताओंसे बात करनेके लिए उनकी भी एक सभा बुलाई जाये। पहले भी यह तजवीज मुझे अच्छी मालूम हुई थी, पर देखता हूँ कि ऐसा करना व्यावहारिक नहीं है। इस प्रकार सभा न बुलाने का सबसे बड़ा