पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/५५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२१
तार : टी॰ प्रकाशम् को

और मुसलमान अपनी धार्मिक रीतियों द्वारा अपेक्षित कमसे कम कपड़ा पहनकर गुजर कर लें तो निःसन्देह मुझे सन्तोष होगा। कार्यकर्त्ताओंने अबतक चरखा चलाना शुरू नहीं किया है। वे अब चरखेका जोरोंसे प्रचार करने लगे हैं और चरखोंकी माँग बड़ी तेजी से बढ़ गई है। यह सुनकर भी मुझे बड़ी खुशी होगी। भावी कार्यक्रमके बारेमें मैं जितना अधिक विचार करता हूँ और हमारे बीच अलक्षित रूपसे हिंसाकी भावना निश्चय ही बढ़ते जानेकी जितनी अधिक खबरें मिलती जाती हैं उतना ही अधिक मेरा यह विचार पक्का होता जाता है कि अभी व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू करना भी गलत होगा। अपने अनुयायियोंकी संख्या बहुत विशाल बता सकनेके फेरमें असत्य आचरण करनेकी अपेक्षा सत्य-पथपर चलते हुए सारे संसारसे परित्यक्त हो जाना कहीं अच्छा है। हमारी संख्या अधिक हो अथवा नगण्य, जबतक हमें अहिंसापर विश्वास है तबतक रचनात्मक कार्यक्रमका पूरा-पूरा पालन किये बिना छुटकारा नहीं मिल सकता। अगर हम उसपर आज अमल करते हैं तो कल ही सारे देशको सविनय अवज्ञाके लिए तैयार समझिए। और यदि आप यह नहीं कर सकते तो व्यक्तिगत सत्याग्रह भी नहीं छेड़ा जा सकता। और यह कोई कठिन काम नहीं है। अगर अखिल भारतीय और प्रान्तीय कांग्रेस कमेटियोंके सभी सदस्योंको यह विश्वास हो जाये कि सविनय अवज्ञासे सम्बन्धित मेरी शर्तें सही हैं तो यह आन्दोलन शुरू किया जा सकता है। पर अफसोस है कि उनको ऐसा विश्वास अभीतक नहीं हुआ है। नीति तो एक अस्थायी चीज होती है; उसमें रद्दोबदल किया जा सकता है, लेकिन जबतक कोई नीति ठीक मानी जा रही है तबतक उसपर पूरे उत्साह और पूरी लगनके साथ अमल करना ही पड़ेगा।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ७९७३) की फोटो-नकलसे।
 

१०. तार : टी॰ प्रकाशम् को

[८ मार्च, १९२२]

वेंकटप्पैयाकी गिरफ्तारी सुनकर खुशी।[१] आशा है कोई हड़ताल, प्रदर्शन, सविनय अवज्ञा यहाँतक कि मानसिक क्षोभ भी नहीं होगा बल्कि रचनात्मक कार्यक्रमपर अमल करनेका दृढ़ संकल्प किया जायेगा। वेंकटप्पयाके प्रति प्रेम रखनेवाले हरएक आन्ध्रवासीके लिए सर्वाधिक प्रभावकारी प्रदर्शन होगा समस्त विदेशी वस्त्रोंका परित्याग, अस्पृश्यता निवारण और आपकी जरूरतोंपर ध्यान दे रहा हूँ।

गांधी

[अंग्रेजीसे]
सेवन मन्थ्स विद महात्मा गांधी
  1. देखिए "देशभक्तकी गिरफ्तारी", ९–३–१९२२।