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दिलचस्प जानकारी

साफ-सुथरा रखने तथा एक-दूसरेसे लड़ने न देने अथवा उन्हें भागने न देने और बीमारीसे दूर रखने के सिवा और कुछ भी नहीं है।

इस मनोवृत्तिके दुःखदायक परिणामोंपर हम अगले प्रकरण में विचार करेंगे।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, २४–४–१९२४
 

३६७. दिलचस्प जानकारी

श्री हार्डीकरने मुझे निम्नलिखित दिलचस्प जानकारी भेजी है :

आपकी सेवामें आज रेलवे पार्सल द्वारा साढ़े बारह पौंड सूत भजा जा रहा है। यह सूत गत राष्ट्रीय सप्ताहमें, अर्थात् ६ अप्रैल से १३ अप्रैल के बीच निम्नलिखित संस्थाओं द्वारा काता गया था :
१. नेशनल हाईस्कूलके छात्रों द्वारा,
२. तिलक कन्या शालाकी छात्राओं द्वारा,
३. कर्नाटक बाल सेनाके गांधी पथक द्वारा,
४. शेवड़े परिवार के सदस्यों द्वारा।
दो चरखोंपर पूरे सप्ताह—लगातार चौबीसों घंटे और पाँच चरखोंपर हररोज बारह-बारह घंटे काम होता रहा। इस प्रकार सात चरखे कुल मिलाकर सात सौ छप्पन घंटे चले।
कुल मिलाकर लगभग ५०० तोले सूत काता गया, अर्थात् लगभग पौन तोला प्रति घंटा। सूत कम काता गया; इसके कारण नीचे दिये गये हैं। जो कारण कम सूत काते जानेके हैं वे ही सूतकी घटिया किस्मके भी हैं।
१. रुई खराब घुनी गई थी।
२. पुनियाँ ठीक तरहसे तैयार नहीं की गई थीं।
३. चरखा चलानेवालों में नौसिखिये भी थे।
सदस्योंकी भरती और तिलक स्वराज्य-कोषके लिए चन्दा जमा करनेका काम भी इस सप्ताहमें किया गया। काम करते हुए जो अनुभव प्राप्त हुए, वे यहाँ दिये जा रहे हैं :
१. जबतक प्रभावशाली व्यक्ति सक्रिय भाग नहीं लेते और जबतक वे जन-साधारणको भलाईके खयालसे खुद काम नहीं करते, तबतक सफलता मिलना असम्भव है।
२. संगठित प्रयाससे मनोवांछित फल मिल जाता है।