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परिशिष्ट ४
इनर टेम्पलका आदेश

श्री गांधीको बैरिस्टरके दर्जेंसे हटाने का इनर टेम्पल[१] समितिका अधिकृत आदेश इस प्रकार है :

"इनर टेम्पल : शुक्रवार, १० नवम्बर, १९२२ को हुई प्रतिनिधि सभाका निर्णय।"

"चूँकि ९ नवम्बर, १९२२ को समितिको बैठकमें कोषाध्यक्षने सूचना दी थी" कि उन्हें इस विधि-सभा के एक वैरिस्टर मोहनदास करमचन्द गांधीको अहमदाबाद, भारतमें सेशन जजकी अदालतसे १२ मार्च, १९२२ को राजद्रोहके जुर्म में छः सालकी कैद की सजा दिये जाने के फैसलेकी प्रामाणिक प्रति मिली है।

"आदेश दिया जाता है कि चूंकि उक्त मोहनदास करमचन्द गांधीको एक अधिकृत अदालतने एक ऐसे अपराध में सजा दी है जिससे इस समितिकी रायमें वे इस विधि-सभा के सदस्य बने रहने के अयोग्य हो जाते हैं, अतः उनका नाम इस विधि-सभाकी किताबों में से निकाल दिया जाये।"

"और समितिकी इसी बैठकमें यह आदेश भी दिया गया कि शुक्रवार, १० नवम्बर, १९२२ को होनेवाली प्रतिनिधि सभामें उक्त मोहनदास करमचन्द गांधीको बैरिस्टरके दर्जें से हटा दिया जाये और उनका नाम समितिकी किताबोंमें से काट दिया जाये और यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों अन्य विधि-सभाओं और बैरिस्टरोंकी सामान्य परिषद्को तथा रजिस्ट्री पत्र द्वारा उक्त मोहनदास गांधीको सूचित कर दिया जाये एवं विधि-सभा के भवन में लग दिया जाये।"

१० नवम्बरको हुई इनर टेम्पलकी प्रतिनिधि सभामें इस आदेशकी पुष्टि की गई।

[अंग्रेजीसे]
अमृतबाजार पत्रिका, २१-१२-१९२२
  1. इंग्लैंड की बैरिस्टरीकी तालीम देनेवाली कानूनी सभा।