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परिशिष्ट ७
गांधीजीकी रिहाईपर एन्ड्रयूजका वक्तव्य

श्री गांधी के सम्बन्धमें श्री सी॰ एफ॰ एन्ड्रयूजने एसोसिएटेड प्रेसको निम्नलिखित वक्तव्य भेजा है :

मैं आज सुबह करीब ७-३० बजे सैसून अस्पतालमें मौजूद था। महात्मा गांधी रात में अच्छी तरह सोये थे, इसलिए मुझे वे बहुत ही प्रफुल्लित और प्रसन्न दिखाई दिये। हम जब बात कर रहे थे, तभी अस्पतालमें उनकी देखरेखके जिम्मेदार डाक्टर कर्नल मैडॉकने अन्दर आकर महात्माजीको उनकी बिना शर्त रिहाईका समाचार सुनाया और इसके लिए उन्हें हार्दिक बधाई दी। इसके बाद उन्होंने उनको सरकारी सन्देशकी भाषा पढ़कर सुनाई और कहा, इसको एक विशेष सन्देशवाहक सोमवारकी रातको लाया था। इसलिए मैंने जल्दी से जल्दी आपके पास आनेका अवसर निकाला है, क्योंकि मैं चाहता था कि आप अब स्वतन्त्र हो गये हैं और इस समाचारको सबसे पहले मैं ही सुनाऊँ। महात्मा गांधी कुछ क्षण शान्त रहे। फिर उन्होंने मुस्कराते हुए कर्नल मैडॉकसे कहा, "आशा है आप मुझे कुछ समयतक और अपना मरीज और मेहमान बने रहने की छूट देंगे।" डाक्टरने हँसकर कहा, मुझे विश्वास है कि मेरा मरीज डॉक्टरके नाते मेरा हुक्म मानता रहेगा। मुझे स्वयं भी मरीजको पूर्णतः स्वस्थ देखकर बहुत सुख और सन्तोष होगा। बादमें सुबह घावकी मरहम-पट्टी करने के बाद कर्नल मैडॉकने चेतावनी दी कि यद्यपि मरीजकी हालत इतनी अच्छी तरह सुधर रही है, फिर भी हो सकता है कि आगामी कुछ दिनोंमें जो लोग उनसे मिलना चाहते हैं उनसे मिलने-जुलने से कोई अनावश्यक उत्तेजना या थकान होनेके कारण उनकी हालत में गम्भीर बिगाड़ हो जाये। इसलिए उनके स्वास्थ्य लाभके नाजुक वक्त में जो लोग उनकी शुश्रूषा कर रहे हैं उनके अलावा दूसरे सभी लोग उन्हें यथासम्भव पूरा-पूरा आराम करने देंगे तो यह उनके प्रति सभीकी अधिकतम दयालुता होगी। यह याद रखना चाहिए कि आपरेशन करते समय जो जख्म करना पड़ा था, वह पूरी तरह भरा नहीं है और मरीजकी शक्तिसे थोड़ा अधिक श्रम होनेसे स्वास्थ्य-लाभको प्रगति में बाधा आ जायेगी। आगामी पखवाड़े में जख्मोंको बिलकुल ठीक करने के लिए पूरी संचित शक्तिकी जरूरत होगी। अभीतक तो सब ठीक-ठीक चलता रहा है, लेकिन जरूरत इस बातकी है कि कोई अनावश्यक जोखिम न उठाई जाये।

डाक्टर के आदेश से महात्मा गांधी दूसरे कमरेमें ले जाये गये, जिसके बाहरकी ओर बरामदा था ताकि उन्हें सूरजकी रोशनी और खुली हवाका पूरा लाभ मिल सकें। उनके पास सुबहसे ही तार आने लगे थे। अस्पतालमें कर्नल मैडॉकके जानेके तुरन्त बाद ही पहला तार आ गया था।