पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 23.pdf/६४०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
६०२
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

है; क्योंकि ऐसा दिखता है कि संघ सरकार अब अपने कानूनोंको दमनका यन्त्र तथा भारतीय जनताको दक्षिण आफ्रिकासे बाहर खदेड़ने का अप्रत्यक्ष साधन बनानेमें संलग्न है।"

[अंग्रेजीसे]
हिन्दू, ७–४–१९२४
 

परिशिष्ट १३
(क) स्वामी श्रद्धानन्दके नाम मुहम्मद अलीका पत्र

आदरणीय स्वामीजी महाराज,

अफसोस कि मैं अपने वादेके मुताबिक आपके बताये मामलेपर कल आपको खत नहीं लिख सका, क्योंकि मैं नवाब साहब रामपुरसे मिलने चला गया था और वहाँ मुझे दिनके ११ बजेसे रात ८ बजेतक रहना पड़ा। मैंने 'तेज' में अभी-अभी पढ़ा है कि आपके चार आर्यसमाजी दोस्तोंने मुझसे कांग्रेससे इस्तीफा देनेकी माँग की है। इसे पढ़कर मुझे बरबस हँसी आ गई, हालांकि मैं कबूल करता हूँ कि इससे मुझे बहुत दुःख भी हुआ। मैं जानता हूँ कि ऐसे कुछ लोग कुछ समयसे इस तरहके कामों में लगे हुए हैं। लेकिन मैंने लखनऊ की आम सभा में इसके बारेमें किये गये सवालका जवाब देनेके बाद यह मान लिया था कि ये लोग आगे इस तरहके काम नहीं करेंगे। उस सभा में मौजूद एक हिन्दू साहबको मेरा जवाब इतना पसन्द आया कि वे जोश में आकर पुकार उठें थे कि २२ करोड़ हिन्दू आपके साथ लड़ने और मरनेके लिए तैयार हैं। किन्तु मैं अब महसूस करता हूँ कि मेरी यह उम्मीद कितनी बेकार थी। हालाँकि यह बहस इस समय जिस तरह चलाई जा रही है उसे देखते हुए जवाब में एक लफ्ज भी कहना बिलकुल गैर-जरूरी हो जाता है, फिर भी चूँकि मैं मामले की पूरी सफाईका वादा कर चुका हूँ, इसलिए जैसा आप चाहते हैं मैं यह बयान दे रहा हूँ :

हकीकत वही है जो मैंने आपको जबानी बताई थी। तब भी मेरे कुछ मुसलमान दोस्त मुझपर बराबर यह इल्जाम लगा रहे हैं कि मैं हिन्दू-परस्त और गांधी-परस्त हूँ। वे यह दिखाना चाहते हैं कि मैं मजहबी उसूलोंके बारेमें महात्मा गांधीका मुरीद हो गया हूँ। इसमें इनका असल मंशा यह है कि मुसलमान लोग, खिलाफत कमेटी और कांग्रेस मुझसे नाखुश हो जायें। इसलिए कई मौकोंपर मैंने साफ-साफ कहा है कि मजहबी मामलोंमें मेरा वही अकीदा है जो किसी भी दूसरे सच्चे मुसलमानका है। मैं इसीलिए पैगम्बर मुहम्मदका (खुदा उनको राहत दे) मुरीद होनेका दावा करता हूँ, गांधीजीका नहीं। और चूँकि मैं इस्लामको खुदाकी सबसे बड़ी देन मानता हूँ, इसलिए महात्माजी के लिए मेरे मनमें मुहब्बतका जो जज्बा है उसीने मुझे खुदासे यह दुआ माँगने के लिए कहा है कि वह उनकी रूहको इस्लामकी सच्ची रोशनी-